राहुल गांधी की यात्रा: मप्र कांग्रेस में इस डाल उस डाल शुरू

उपदेश अवस्थी/भोपाल। वो कहानी तो आपने सुनी ही होगी, जंगल में चुनाव होते हैं, बंदर जीतकर राजा बन जाता है। गुस्साया शेर एक बकरी के बच्चे को दबोच लेता है, जानवर अपने राजा से बच्चे की सुरक्षा की गुहार लगाते हैं, बंदर तत्काल शेर के सामने जाता है और फिर पेड़ पर इस डाल से उस डाल, उस डाल से इस डाल कूदना शुरू कर देता है। थोड़ी देर बाद शेर बच्चे को मार देता है, तब बंदर दूसरे जानवरों को सफाई देते हुए कहता है 'परिणाम जो भी रहे हों परंतु मेरे प्रयासों में कोई कमी नहीं थी।'

मप्र कांग्रेस में इन दिनों यही हो रहा है। फिर वो दिल्ली की रैली हो या मप्र में राहुल की संभावित विजिट। कार्यक्रम तय हो गया है। अखबारों में जोश और उत्साह से भरे प्रेसनोट जारी किए जाने लगे हैं। हलचल मच रही है। सारे के सारे नेतागण इस डाल से उस डाल कूद लगाने लगे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि पिछले 15 सालों में 1 लाख लोगों को एकजुट करने में बिफल रही कांग्रेस क्या राहुल गांधी की इस विजिट में संख्याबल दिखा पाएगी। 

ये रहा 'इस डाल उस डाल' का प्रोग्राम
एमपीपीसीसी प्रेसीडेंट ए यादव का कहना है कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की सभा कांग्रेस में ऊर्जा पैदा करने वाली होगी। प्रदेशभर से इसमें कार्यकर्ता और नेता जुटेंगे। सभी विधायकों को इसमें शामिल होने अनिवार्य होगा तो जिलाध्यक्षों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसकी तैयारियां रविवार से शुरू होगी। प्रदेश प्रभारी महासचिव मोहनप्रकाश, नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के साथ यादव इंदौर के गांधी भवन में इंदौर और उज्जैन संभाग के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसमें सभा की रूपरेखा बनाई जाएगी।

इसके बाद प्रदेश कार्यालय और संभागीय मुख्यालयों पर भी बैठक होगी। इसके लिए पर्यवेक्षकों की तैनाती की सूची बननी शुरू हो गई है। पार्टी की कोशिश महू में 1 लाख कार्यकर्ता को जुटाने की है ताकि राहुल गांधी के सामने मौजूदा संगठन की ताकत भी दिखाई जा सके।

मिलेंगे टॉरगेट
प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान व अल्पसंख्यक मोर्चा को टारगेट दिए जाएंगे। इसके अलावा मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक सांसद, प्रदेश पदाधिकारी, 2013 का विधानसभा चुनाव और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

संगठन चुनाव के संकेत
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी की सभा से संगठन चुनाव को लेकर भी संकेत मिल जाएंगे। 15 मई से प्रदेश में संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। सितंबर में प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के चुनाव होने हैं। बताया जा रहा है कि यदि सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो अरुण यादव ही अध्यक्ष रहेंगे।

कुल मिलाकर अध्यक्ष महोदय की ओर से प्रयास पूरे किए जा रहे हैं। पहले भी किए गए थे। सफल नहीं हुए तो ठीकरा फोड़ने के लिए कोई ना कोई सर ढूंढ ही लेंगे। वैसे भी मप्र में तीन टॉप पोजीशन हैं, जब चाहे आरोप लगा दो। 

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