भोपाल। संविदा शाला पात्रता पारीक्षा और व्यापमं घोटाले में चल रही ताबड़तोड़ कार्रवाईयों के बीच समस्त टीईटी पास अभ्यर्थियों ने एक खुलाखत के जरिए कहा है कि उनका न्याय तो अब भी अधूरा है। केवल गिरफ्ताारियों से या घोटालेबाज को सजा दे देने से न्याय पूरा नहीं हो जाता। उनका तर्क है कि जब अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक दिए जा सकते हैं तो समस्त टीईटी पास अभ्यर्थी जो वेटिंग में थे, उन्हें अतिरिक्त लाभ क्यों नहीं ?
पढ़िए यह खुलाखत और इसमें दर्ज दलीलें क्या सवाल उठा रहीं हैं सिस्टम पर:—
प्रति,
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,
मध्यप्रदेश।
विषय:-संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 के संबंध में।
महानुभाव,
उपरोक्त विषयान्तर्गत उल्लेखनीय है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने व्यापमं परीक्षा मे हुए फर्जीबाड़े को न केवल स्वीकार किया बल्कि दोषियों को भी सजा मिले इसके लिए कडे कदम भी उठाए जा रहे हैं, जो कि सराहनीय है लेकिन दूसरा सत्य यह भी है कि संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा अपने मूलभूत उद्देश्यों को भूलकर महज एक छलावा बन कर रह गई है। ऐसा समझने के कुछ कारण इस प्रकार हैं-
1- व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में PMT के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी फर्जीबाडा हुआ लेकिन संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा के दोषियों पर फोकस कम क्यों? शायद शिक्षकों का संतोषी, धैर्यवान और सरल स्वभाव इसका एक कारण हो सकता है।
2- परीक्षा में फर्जीबाडा हुआ और दोषियों को भी सजा मिल रही है लेकिन क्या इससे हमें न्याय मिल गया ? नहीं कदापि नहीं। इन सबके बाबजूद नुकसान हम परीक्षार्थीयों का ही हुआ। कडी मेहनत, लगन और आँखों में सुनहरे सपनें सजाकर परीक्षा दी और परीक्षाफल में धोखा उपहार स्वरूप मिला। किसी गरीब के मुँह का निबाला छीनने वालों को केवल सजा देने से पुर्ण न्याय नहीं होता, गरीब को भोजन हेतु साधन उपलब्ध कराना भी सरकारी मशीनरी का उत्तरदायित्व है। इसी प्रकार मात्र दोषियों को सजा देनें से नहीं बल्कि संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 का वास्तविक परीक्षा परिणाम प्रकाशित कर शिक्षकों की भर्ती की जाए।
3- शिक्षा विभाग को छोडकर अन्य विभागों में रिक्त पदों पर पूर्ति शीघ्र हो जा ती है लेकिन शिक्षकों की नहीं। ऐसा क्यों है?
4- अतिथी शिक्षकों को शिक्षक भर्ती में बोनस अंक दे रही है। क्या इस तरह की अन्य बातों का उल्लेख अतिथी शिक्षकों की नियुक्ति के समय किया गया था ? यदि नहीं तो फिर उन्हे बोनस अंक किस बात के? यह तो अन्याय है।
5- यदि सरकार आगामी शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुभव को भी शिक्षक भर्ती में शामिल करती है तो प्राइवेट स्कूल के अनुभव को क्यों नहीं?
6- सरकार ने शिक्षक भर्ती में वर्ग 2 और 3 में फर्जीबाडा हुआ है वर्ग 1 में नहीं ऐसा स्वीकार करती है तो फिर वर्ग 1 के स्वीक्रत लगभग 12600 पदों पर भर्ती क्यों नहीं की?
अंत में हम सब केवल यही कहेंगे कि उपरोक्त तथ्यों पर विचार करके ही आगामी शिक्षकों की भर्ती की जाए।
प्रार्थी
समस्त टीईटी पास
मध्यप्रदेश
upendrasharma015@gmail.com