हुआ रिक्रिएशन: कलेक्ट्रेट में केसे बनते थे फर्जी कार्ड

इंदौर। निर्वाचन कार्यालय में मंगलवार को सील किए गए कम्प्यूटर, सीपीयू और कार्ड जनरेट करने वाली मशीन गुरुवार को पुलिस ने जब्त कर ली। पुलिस फर्जी वोटर कार्ड बनाने वाले चार आरोपियों के साथ कलेक्टोरेट पहुंची थी। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह किस तरह कार्ड बनाते थे और कैसे लोगों तक पहुंचाते थे।

गुरुवार दोपहर करीब पौने दो बजे सीएसपी जूनी इंदौर शशिकांत कनकने और रावजी बाजार टीआई सीएस चडार फर्जीवाड़े में शामिल विक्रम, विजय, संजय और मुकेश को लेकर कलेक्टोरेट स्थित निर्वाचन कार्यालय (कक्ष क्र. 211) पहुंचे। पुलिस ने नायब तहसीलदार पीएस बेदी की मौजूदगी में सील कक्ष खुलवाया। बाद में कक्ष में रखा सामान जब्त किया। इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा।

अफसरों का विश्वास जीत देते थे धोखा
आरोपियों ने पुलिस को कलेक्टोरेट में डेमो देकर बताया कि वे कैसे फर्जीवाड़ा करते थे। उन्होंने बताया कि किस तरह व्यक्ति निर्वाचन कार्ड बनाने के लिए उनके पास आता था और वे किस तरह डील करते थे। दरअसल, कहानी यह है कि आरोपी अधिकारियों को विश्वास में लेकर फर्जी कार्ड बनाते थे। वे फॉर्मों का ढ़ेर अधिकारियों के सामने रखते थे और अधिकारी विश्वास में ओके टीप लगाकर आगे बढ़ा देते थे।

एक मशीन पर कार्ड की डिटेल होती थी। उसमें व्यक्ति का नाम, पता, फोन नंबर और फोटो चेक किया जाता था फिर दूसरी मशीन से जारी किया जाता था। उसके बाद फोटो कॉपी दुकान संचालक प्रमोद की मदद से अधूरे कागजातों को पूरा कर कम्प्यूटर ऑपरेटर और डेटा कार्ड की मदद से कार्ड जनरेट हो जाता था।

जो फॉर्म दूसरे या निचले स्तर के कर्मचारी द्वारा आते थे उन्हें हम दो-तीन दिन में बनाकर देते थे। जिस दिन अधिकारी सख्ती दिखाते थे तो वह हाथोंहाथ भी बना देते थे।

साक्ष्य थमा दिए आरोपियों के हाथों में
पुलिस ने सील कैबिन और कम्प्यूटरों की सर्चिंग कर कई साक्ष्य जुटाए। कम्प्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, डेटा कार्ड और लेपटॉप जब्त किए। इस दौरान लापरवाही यह रही किकोर्ट में प्रयोग किए जाने वाले यह साक्ष्य पुलिस ने खुद रखने की बजाए आरोपियों के हाथों में दे दिए। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

SP और ASP नहीं उगला पाए राज
सुबह पश्चिम एसपी आबिद खान और क्राइम ब्रांच एएसपी विनयप्रकाश पॉल आरोपियों से पूछताछ करने रावजी बाजार थाना पहुंच गए थे, लेकिन वे कोई खास राज नहीं उगला पाए। एएसपी ने बताया आरोपी किसी तरह के लिंक की बात से इनकार कर रहे हैं। वे अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इनकार कर रहे हैं।

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