शिवराज का बदला: दिग्विजय सिंह के खिलाफ फर्जी भर्ती FIR

भोपाल। जैसा कि तय हुआ था वैसा ही हुआ। शिवराज सिंह ने दिग्विजय सिंह पर हमला शुरू कर दिया है। सबसे पहले विधानसभा सचिवालय में हुईं फर्जी नियुक्तियों के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।

विधानसभा सचिवालय की शिकायत पर पुलिस ने दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी सहित 19 लोगों पर विधानसभा में हुईं 17 फर्जी नियुक्तियों में धोखाधड़ी सहित अन्य मामलों में FIR दर्ज कर ली है। मामला जहांगीराबाद थाने में दर्ज कराया गया है। वहीं, लंबे समय से खामोश विवादास्पद पूर्व MLA किशोर समरीते ने भी SIT उनकी शिकायत कर की है।

1993-2003 तक हुईं फर्जी नियुक्तियों का मामला..
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शनिवार को अपना 68वां जन्म दिन मना रहे हैं। एक ओर जहां, उन्हें बधाइयां मिल रही हैं, तो दूसरी ओर सरकार ने बर्थ डे गिफ्ट के रूप में उन पर FIR दर्ज करा दी है।

विधानसभा के डिप्टी सेक्रेट्री श्यामलाल मैथिल ने जहांगीराबाद थाने में दिग्विजय सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव एके पयासी सहित 19 लोगों के खिलाफ 17 फर्जी नियुक्तियां कराने का मामला दर्ज कराया है।

शिकायत में यज्ञनारायण शर्मा, कमलाकांत शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, प्रदीप मिश्रा, आभा चतुर्वेदी, अमित कुमार अवस्थी, ब्रह्मचारी प्रसाद तिवारी, राजेश प्रसाद द्विवेदी, अरुण कुमार तिवारी, एसएस प्रसाद मिश्रा, शरद द्विवेदी, एसके तिवारी, अनिल कुमार मिश्रा, कुलदीप पांडे, देवेंद्र तिवारी और राजेश तिवारी का भी नाम शामिल है।

FIR में उल्लेख किया गया है कि, इन सभी ने 1993 से लेकर 2003 (दिग्विजय सिंह का कार्यकाल) तक ये फर्जी नियुक्तियां कराईं। इस मामले की जांच कराने जस्टिस शचींद्र द्विवेदी की अगुवाई में एक समिति बनाई गई थी। समिति ने 2006 को सामान्य प्रशासन विभाग को अपनी रिपाेर्ट सौंप दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान गृहमंत्री बाबूलाल गौर के कार्यकाल में कराई गई थी यह जांच। प्रमुख सचिव भगवान दास ईसरानी ने की पुष्टि।

दिग्विजयसिंह के खिलाफ FIR सरकार का कायराना कदम: कांग्रेस

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने अभा कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और विधान सभा के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के विरूद्ध की गई एफआईआर को राज्य सरकार द्वारा बदले की भावना के तहत की गई कार्यवाही बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रामाणिक मुद्दों पर घिरी राज्य सरकार और उसके मुखिया शिवराजसिंह चौहाान की ऐसी कई गीदड़ भभकियों के आगे कांग्रेस आत्मसमर्पण नहीं करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री और सरकार को यहां तक चुनौती दे डाली है कि यदि उनके पास आजादी के पहले भी किसी कांगे्रस नेता के विरूद्व भ्रष्टाचार के प्रमाणिक और तथ्यात्मक साक्ष्य उपलब्ध हो तो उन्हें ने केवल उजागर किया जाए, बल्कि उन सभी नेताओं को सरकार सीधे जेल भिजवा दे, हम उसके लिए भी तैयार हैं।

मिश्रा ने पुनः दोहराया है कि प्रदेश के मुखिया को व्यापम महाघोटाले में प्रदेश के लाखों नौजवानों के भविष्य के साथ किए गए खिलवाड़ को लेकर जेल जाना ही होगा और उनकी ऐसी तमाम कवायदें निरर्थक ही साबित होंगी। 
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने श्री सिंह एवं श्री तिवारी सहित अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के पीछे पूरी तरह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान का शामिल होना बताया है, जो व्यापम महाघोटाले में आरोपित राज्यपाल रामनरेश यादव के बाद कांगे्रस के सीधे निशाने पर है। मिश्रा ने कहा कि इस समूचे षड्यंत्र में राज्य सरकार ने जिस तरह लोकतांत्रिक आस्थाओं के केंद्र विधानसभा का दुरूपयोग किया है, वह संसदीय व्यवस्था और उसके सम्मान के लिए एक गंभीर खतरा साबित होगा। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!