नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि एनडीए सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स की दरें ऊंची करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहेगी कि लोगों की जेब में अधिक से अधिक पैसा बचे, ताकि वे व्यय करें और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलने में सफल हो।
उन्होंने बजट की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने का दावा करते हुए कहा कि लोगो को सरकार की वित्तीय स्थिति की वास्तविक सूचना उपलब्ध कराई जानी चाहिए। जेटली ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले बजट में आयकर छूट की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी थी। जेटली अपना पहला पूर्ण बजट अगले महीने संसद में पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया में निवेशकों के सामने तमाम रास्ते खुले हैं। ऐसे में देश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए एक ऐसी कर प्रणाली की आवश्यकता है जो प्रतिस्पर्धी, आक्रामकता से मुक्त और संतुलित हो। जेटली ने कहा कि शुरू में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लोक व्यय बढाना आवश्यक है क्योंकि पिछली संप्रग सरकार के समय इसका बडा नुकसान हो चुका है।
उन्होंने एक के बाद एक राज्यों में निवेश आकर्षित करने के लिए आयोजित किए जा रहे सम्मेलनों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के एजेंडा को पुन: रास्ते पर लाने में कामयाब हुए हैं। जेटली ने कहा कि निवेशक उन्हीं राज्यों में जाएंगे जहां कारोबार का वातावरण बढिय़ा होगा। उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में निवेशक सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं।