राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश सेवा का नाम लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव के माध्यम से संसद में पहुंचने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 714 करोड़ और कांग्रेस ने 514 करोड़ खर्च किये हैं | पीछे छोटे दल भी नहीं है | कई बार अनुरोध, विनय और चेतावनी के बाद बमुश्किल ये आंकड़े भारत के चुनाव आयोग को नसीब हुए है | यह भारी भरकम आम नागरिकों से वसूली जाएगी इसके नाम और प्रकार कुछ भी हो सकते हैं | अब फैसला आपके हाथ में है आप इन्हें देश सेवक कहते हैं या ......!
चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने ७,१४,२८,५७,८१३ रूपये लोकसभा चुनाव में खर्च किये और कांग्रेस ने ५,१६,०२,३६,७८५ रूपये खर्च किये | यह तो वो राशियाँ हैं ,जो लेखे में हैं | जो लेखे पर नहीं है उनका का हिसाब कभी कोई नहीं देता है | लोक सभा के साथ हुए विधान सभा चुनावों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [एनसीपी] ने 51 करोड़ और बहुजन समाज पार्टी[बीएसपी] ने 30 करोड़ से ज्यादा खर्च करने कि जानकारी दी है |
चुनाव आयोग भी इन दलों कि मनमानी से त्रस्त है | इस खर्च कि जानकारी देने कि समय सीमा अगस्त २०१४ का अंतिम कार्य दिवस तक थी | कारण बताओ नोटिस के बाद कांग्रेस ने बमुश्किल २२ दिसम्बर को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने १२ जनवरी को यह जानकारी दी |
वैसे नियम यह है कि विधान सभा चुनाव खर्च कि जानकारी ७५ और लोकसभा चुनाव खर्च की जानकारी ९० दिन के भीतर सौंपना चाहिए | चुनाव आयोग २८ नवम्बर २० पार्टियों को कारण बताओ नोटिस देना पड़ा | इनमे भाजपा कांग्रेस सहित कई दल हैं | देश के चुनाव को महंगा बनाने और देश सेवा का ढोंग करने वालों को आप कोई भी नाम दे, लेकिन जब ये अपने को देश सेवक कहें तो इस शब्द का अपमान न होने दें |
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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