भोपाल। मप्र पुलिस नई तकनीक का पर्याप्त लाभ उठा रही है। सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारियों सहित डीजीपी की गश्त के अलावा पुलिस वॉट्सएप का भी प्रोपर यूज कर रही है। इन्फार्मेशन एवं अलर्ट के लिए वॉट्सएप का यूज किया जा रहा है। बीते रोज रेलवे स्टेशन पर खड़े नकली नोट विक्रेता को पकड़ने में वॉट्सएप का काबिल ए तारीफ यूज किया गया।
पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने नकली नोट की तस्करी के आरोप में राजधानी के प्रॉपर्टी डीलर रिजवान अहमद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया कि शुक्रवार को भोपाल स्टेशन पर नकली नोट लेकर एक व्यक्ति आने वाला है। रिजवान ने उसका हुलिया भी बताया।
स्टेशन पर बताए गए हुलिए के व्यक्ति को ढूंढ रहे अधिकारियों ने एक संदिग्ध की फोटो वॉट्सएप के थ्रू मुख्यालय भेजी। यहां से वह फोटो हवालात में रिजवान को दिखाई गई। रिजवान द्वारा पहचान करते ही नकली नोटों की खेप लेकर आए व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया। उसकी पहचान बिहार में चंपारण के इनावरा निवासी खुर्शीद आलम के रूप में हुई है। खुर्शीद के पास से 1.10 लाख रुपए के नकली नोट मिले हैं। सभी नोट 1000 रुपए के हैं। शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि वह यह नोट नेपाल से लाता था।
ऐसे बिछाया जाल
एएसपी चौहान के अनुसार खुर्शीद इतना शातिर है कि वह कभी भी रिजवान को यह नहीं बताता था कि वह कब भोपाल पहुंचेगा। रिजवान पहले उसके पास असली नोट भेजता था। फिर खुर्शीद अचानक भोपाल पहुंचकर अपने आने की जानकारी देता था। रिजवान को पकड़ने के बाद क्राइम ब्रांच ने यह कार्रवाई गोपनीय रखी। खुर्शीद के पास रिजवान के हवाले से नकली नोट की अगली खेप के लिए पैसे भेजे गए। इसके बाद खुर्शीद यहां आया और पकड़ा गया।
एक लाख के नोट 40 हजार में
क्राइम ब्रांच के अनुसार खुर्शीद आलम लंबे समय से इस कारोबार से जुड़ा हुआ है। वह नेपाल में एक लाख रुपए के नकली नोट 40 से 45 हजार रुपए में खरीदता था। उसे नेपाल में खान सरनेम वाला कोई आदमी यह नोट देता था। क्राइम ब्रांच की टीम अब नेपाल में बैठे मास्टर माइंड की घेराबंदी में लगी है। उसके पकड़ने जाने के बाद खुलासा होगा कि नकली नोट की प्रिंटिंग किस देश में हो रही है। क्राइम ब्रांच के एएसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि रिजवान एक लाख रुपए के नकली नोट के बदले खुर्शीद को 55 लाख रुपए देता था।