RSS के खिलाफ भोपाल पहुंचा KISS OF LOVE, हंगामे की आसार

भोपाल। RSS के खिलाफ केरल से शुरू हुआ KISS OF LOVE कोलकाता और दिल्ली होते हुए भोपाल आ पहुंचा है। गुरुवार को भोपाल में KISS OF LOVE की घोषणा की गई परंतु आधिकारिक तौर पर शनिवार को वापस ले ली गई। माना जा रहा है कि अब चुपके चुपके KISS OF LOVE का आयोजन कर सोशल मीडिया के जरिए इसे आम किया जाएगा।

केरल के कोच्चि से शुरू हुआ 'KISS OF LOVE' का कारवां कोलकाता और दिल्ली से होता हुआ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आने वाला था। यह 16 नवंबर(रविवार को) शाहपुरा में पहली बार हो रहे राहगीरी-डे पर सुबह 9 बजे प्लान किया गया था। हालांकि बाद में हिंदूवादी संगठनों की चेतावनी के बाद उसे निरस्त करने की घोषणा कर दी गई परंतु यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि रविवार को किसी अज्ञात स्थान पर 'KISS OF LOVE' का आयोजन नहीं होगा।

गुुरुवार को प्लान, शनिवार को निरस्त
 'KISS OF LOVE' निरस्त करने को लेकर शुक्रवार को भारत भवन स्थित ओपन एरिया में एक बैठक आयोजित की गई थी। उधर, संस्कृति बचाओ मंच ने भी अलग-अलग जगहों पर बैठक बुलाकर अपनी रणनीति तैयार कर ली थी। लिहाजा, हंगामे के पूरे आसार बन गए थे। इससे पहले गुरुवार को चिनार पार्क में 'KISS OF LOVE' को लेकर प्लानिंग की गई थी।

इस कैंपेन की जानकारी लगते ही हिंदू संगठन मुखर हो गए थे। संस्कृति बचाओ मंच के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि, भारतीय संस्कृति का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी थी कि, अगर राहगीरी-डे पर यह आयोजन हुआ, तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।

KISS OF LOVE का विरोध कर रहे संस्कृति बचाओ मंच सहित कई हिंदूवादी संगठनों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थीं। हालांकि मंच ने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया था।

अनाथ बच्चों को करें KISS
संस्कृति बचाओ मंच के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, यदि लोग 'किस' करना ही चाहते हैं, तो गरीब और अनाथ बच्चों को करें। इन बच्चों को प्रेम और स्नेह की ज्यादा जरूरत हैं।  25-35 साल के लोग खुलेआम हो रहे इस तरह के आयोजनों का हिस्सा न बनें। हमारी चेतावनी के बाद भी यदि ऐसा होता, तो हम इसका कड़ा विरोध करते।

कैसे शुरू हुआ  'KISS OF LOVE' का सफर
बीते हफ्ते कालीकट(केरल) के एक कैफे में एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने यह कहते हुए तोड़-फोड़ मचाई थी कि इस जगह का इस्तेमाल डेटिंग के लिए किया जाता है। इस घटना के विरोध में ही पहले कोच्चि और फिर कोलकाता में किस-डे के आयोजन की कोशिश की गई। हफ्ते भर के अंदर इस अभियान ने देश की राजधानी दिल्ली में दस्तक दे दी।

दिल्ली में हुआ हंगामा
कोच्चि में धार्मिक संगठनों के विरोध के बाद भी कैंपेन जारी रहा और राजधानी दिल्ली तक जा पहुंचा। इस कार्यक्रम के आयोजकों ने फेसबुक पर एक पेज बनाया, जिसमें झंडेवालान स्थित आरएसएस कार्यालय के बाहर 8 नवंबर को शाम चार बजे एक कार्यक्रम निर्धारित किया गया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए युवाओं को फेसबुक के जरिए इकट्ठा किया गया था।

प्रदर्शनकारियों मे अधिकतर दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र थे।  'KISS OF LOVE' के प्रतिभागी झंडेवालन मेट्रो स्टेशन से आरएसएस कार्यालय की ओर मार्च निकालना चाहते थे, जिन्हें पुलिस ने रास्ते में बैरिकेड लगा कर रोक दिया था क्योंकि इसी इलाके में एक अन्य संगठन हिन्दू सेना ने भी जवाबी विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था और वहां थोड़ी सी झड़प हुई थी।

महज चुंबन नहीं  'KISS OF LOVE'
भोपाल में  'KISS OF LOVE' की प्लानिंग में शामिल रहे BSSS के स्टूडेंट मोहसिन खान के मुताबिक, हमारा अभियान महज चुंबन नहीं है, बल्कि हम अभिव्यक्ति की आजादी की जंग लड़ रहे हैं। हमारा विरोध धर्म के नाम पर कट्टर पहरेदारी के प्रति है। भोपाल में हमारा अभियान मुद्दों पर आधारित होता। इसमें  'KISS OF LOVE' के जरिये हम महिलाओं को पहनावे की आजादी और समलैंगिकों एवं किन्नरों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले थे।

इन कॉलेज के स्टूडेंट्स होने वाले थे शामिल
द भोपाल स्कूल आॅफ सोशल साइंसेस(बीएसएसएस)
मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी(मैनिट)
द नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी(एनएलआईयू)
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी
IIFM 
NIFT 
आेरियंटल इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी

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