पढ़िए मप्र में ई-स्टांपिंग प्रणाली के नए नियम

भोपाल। प्लॉट या मकान खरीदने वालों को अब ई-रजिस्ट्री लेने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्हें तय तारीख पर ही रजिस्ट्री मिल जाएगी। सरकार ने रजिस्ट्री के दस्तावेज लेने के लिए प्राइवेट फर्म्स को भी सर्विस प्रोवाइडर बनाने का निर्णय लिया है। अभी बैंक, वित्तीय संस्थाएं अौर डाकघर ही सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर काम करते हैं।

लोगों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार ने ई-स्टांपिंग प्रणाली के नए नियम तैयार किए हैं। इनके तहत प्राइवेट फर्म भी सर्विस प्रोवाइडर होंगी। रजिस्ट्री कराने के लिए फीस सहित सभी दस्तावेज एवं आवेदन इस फर्म में भी जमा किए जा सकेंगे।

वहां से जांच के बाद इन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रार ऑफिस भेज दिया जाएगा। संबंधित पार्टी को फर्म की ओर से एक कोड दिया जाएगा। जिसमें रजिस्ट्री मिलने की तारीख भी रहेगी। बताई गई तारीख पर पार्टी को रजिस्ट्रार ऑफिस जाना होगा। हालांकि रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्री की वर्तमान व्यवस्था भी जारी रहेगी। इस काम के लिए प्राइवेट फर्म को एक साल का लायसेंस दिया जाएगा।

ये बन सकेंगे सर्विस प्रोवाइडर
सरकार ऐसे लोगों को ई-पंजीयन के लिए सर्विस प्रोवाइडर बनाएगी जिनकी न्यूनतम योग्यता 12वीं पास हो। उनके पास ई-रजिस्ट्री के आवेदन के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर, बायोमेट्रिक डिवाइस, इलेक्ट्राॅनिक राइटिंग पेन, वेब कैमरा, यूपीएस, स्केनर और कम्प्यूटर पेरीफेरल, ब्राॅडबेंड या हाईस्पीड कनेक्शन की सुविधा होना जरूरी है। रजिस्ट्री कराए जाने के लिए संबंधित पार्टी को  दस्तावेजों की सर्च रिपोर्ट और उसकी कॉपी डाउनलोड करने जैसी सेवाएं भी सर्विस प्रोवाइडर ही उपलब्ध कराएगा।


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