अब सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की टेंशन खत्म

भोपाल। सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेनटेन न पाने पर बैंक द्वारा पैसे काटे जाने से परेशान हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। उपभोक्ता सुरक्षा पहल के तहत रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा कि वे उन कस्टमर्स पर फाइन न लगाएं, जो बुनियादी सेविंग अकाउंट में न्यूनतम पैसे नहीं रख पाते हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने 2014-15 के लिए मंगलवार को पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी करते हुए कहा, ‘बैंकों को कस्टमर्स की दिक्कतों या उनके द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने का बेजा फायदा नहीं उठाना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘सामान्य सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना लगाने के बदले बैंकों को ऐसे खातों पर सिर्फ वहीं सेवाएं देनी चाहिए, जो बुनियादी सेविंग अकाउंट पर उपलब्ध हैं। जब खाते में न्यूनतम अनिवार्यता के मुताबिक राशि जमा हो जाती है तो सेवाएं पूर्ववत कर देनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि यदि किसी निष्क्रिय खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं हो तो बैंकों को जुर्माना नहीं लगाना चाहिए। भारतीय स्टेट बैंक मूल सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस जमा न होने पर कोई चार्ज नहीं लेता।

आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक शहरी इलाके में तिमाही आधार पर औसतन 10 हजार रुपये और कस्बाई इलाकों में 5 हजार रुपये तक की न्यूनतम राशि न होने पर 750 रुपये प्रति तिमाही का शुल्क लेता हैा

उन्होंने कहा कि ग्राहकों से शुल्क सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक बैकिंग लेन-देन तक ही सीमित होना चाहिए, जिनमें बैंक ग्राहक की लापरवाही साबित नहीं कर सकते।

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