भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुलाया गया मध्यप्रदेश बंद अब औपचारिक ही रह जाएगा। निर्वाचन आयोग ने इस बंद पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं साथ ही स्पष्ट किया है कि बाजार को जबरन बंद नहीं कराया जा सकता, ना ही कानून और व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित किया जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने 6 मार्च को भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश व्यापी बंद के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश जारी किये हैं। आयोग ने अपने निर्देश में बंद के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रखने को कहा है।
आयोग के अनुसार निर्वाचन संचालन संबंधी गतिविधियों में किसी भी तरह का व्यवधान उत्पन्न न होने दिया जाये। आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिये वीडियोग्राफी कराई जा सकती है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रमुख सचिव गृह विभाग को तत्संबंधी कानून एवं निर्देशों का पालन करते हुये त्वरित कार्रवाई नियमानुसार करने की हिदायत दी गई है।
मैदानी अमले को भी इस संबंध में निर्देशित करने को कहा गया है। बंद के दौरान शैक्षणिक संस्थाओं, शासकीय कार्यालयों, दुकानों एवं अन्य निजी संपत्ति में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न होने देने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य शासन को आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करवाये जाने को कहा गया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राज्य शासन को 6 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशव्यापी बंद के संबंध में जानकारी देते हुए इस के दौरान धरना-प्रदर्शन, रैली, चक्काजाम आदि के संबंध में संभावना व्यक्त की गई थी। शासन को यह भी बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आज लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। ऐसी स्थिति में बंद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाये रखना आवश्यक हो गया है।