भोपाल। आज सुबह 9 बजे संविदा महिला पर्यवेक्षकों का दस सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर एवं महिला बाल विकास सर्व पर्यवेक्षक समिति की अध्यक्ष नाहिद जहाँ के नेतृत्व में महिला बाल विकास मंत्री माया सिंह जी से मिला। प्रतिनिधि मण्डल की चर्चा मंत्री माया सिंह जी से बड़े ही सौहाद्रपूर्ण वातावरण में हुर्इ ।
प्रतिनिधि मण्डल ने मंत्री माया सिंह जी को बताया कि सभी महिला संविदा पर्यवेक्षक 2007 में व्यापम की परीक्षा उत्तीर्ण कर मैरीट के आधार पर नियमित पद के विरूद्व संविदा महिला पर्यवेक्षक पर नियुक्त हुंर्इ थी । उसके बाद भी मंत्री परिषद ने निर्णय ले लिया कि नियमितीकरण के लिए पुन: व्यापम की परीक्षा देनी होगी इस निर्णय से नाराज सभी महिला पर्यवेक्षक आंदोलन कर रही हैं और हड़ताल पर हैं । प्रतिनिधि मण्डल ने यह भी बताया कि शासन एक और पहले से ही व्यापम परीक्षा में उत्तीर्ण महिला पर्यवेक्षकों की फिर से परीक्षा करा रहा है । दूसरी और व्यापम से दो बार फेल गुरूजियों को सीधे संविदा शिक्षक बना रहा है जो तीन वर्ष नियमित अध्यापक बन जायेंगें ।
इस पर माननीय मंत्री माया सिंह जी ने कहा मुझे सब पता है । मैं तो यह चाह रही हुं कि अब आपका नियमितीकरण वरिष्ठता के आधार पर हो क्योंकि आप बहुत पहले से ही कार्य कर रही हैं । आपको अांदोलन करने की आवश्यकता ही नहीं थी । आपको पहले ही मेरे पास आ जाना चाहिए था । और जब आपका आंदोलन चल रहा था उस समय मै खुद आपके पास आकर आपसे बात करती लेकिन मेरा स्वास्थ्य बहुत खराब था इसलिए मै आपके बीच नहीं आ सकी । लेकिन आपके लिये और अच्छा क्या हो सकता है, उसके लिए हम कदम उठायेगें मुझ पर आप विश्वास रखें ।
संवदि महिला पर्यवेक्षकों के सम्बन्ध में मंत्री परिषद ने जो निर्णय लिया है कि आपको दुबारा से व्यापम की परीक्षा मे बैठना होगा इस निर्णय पर पुर्नविचार के लिए मै खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान के पास जाऊंगी और चर्चा करूंगी, इस कार्य के लिए आप लोग मुझे समय दें और आप सभी लोग मुख्यमंत्री जी के द्वारा 100 दिन कार्य योजना के अंतर्गत चलाये जा रहे सुपोषण अभियान और स्नेह शिविरि में जाकर काम करें । आपकी समस्याओं को हल करवाने की जिम्मेदारी मेरी है । मुझ पर विश्वास रखें ।
मंत्री जी से मिले ठोस आश्वासन के पश्चात प्रतिनिधि मण्डल धरना स्थल निलम पार्क पहुंचा । वहां पर सभी पर्यवेक्षकों के साथ हुर्इ बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंत्री जी द्वारा जो आश्वासन दिया गया है उस पर हम अपनी हड़ताल वापस लेकर आंदोलन को स्थगित करते हैं । यदि मंत्री परिषद ने व्यापम की परीक्षा का निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन पुन: किया जायेगा । अब आंदोलन में केवल महिला बाल विकास की संविदा पर्यवेक्षक ही भाग नहीं लेंगी बलिक प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत 2 लाख संविदा कर्मचारी भाग लेंगें ।