आडवाणी जी है, खफा-खफा

राकेश दुबे@प्रतिदिन। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी पार्टी की वर्तमान चाल  से खफा है| वे दुखी है कि उनके इतने वर्षों की मेहनत के बाद भी पार्टी का स्वरूप जनाधारित नहीं रह सका और अब तो वह पूर्णत: व्यक्ति केन्द्रित ही होती जा रही है|

आडवाणी जी का आकलन सही है,पर इस पर भी विचार जरूरी है की ऐसा क्यों हुआ ? और इसके पीछे का सोच क्या है ? साथ ही यह भी विचार जरूरी है, इतनी लम्बी यात्रा के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को उनसे गठबंधन करना पड़ा था और करना पड़ा है, जो भाजपा के मूल दर्शन के ही विरोधी रहे हैं|

मोदी से नाराज आडवाणी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बातों का समर्थन कर रहे हैं। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार 27 फरवरी की पार्टी में आडवाणी ने कहा कि वे राहुल गांधी की बात से सहमत है कि  भाजपा वन मैन पार्टी बन गई है।  कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी भाजपा को हमेशा वन मैन पार्टी कहते हैं।

आडवाणी के मुंह से ये सुनते ही बैठक में सन्नाटा पसर गया। इस बैठक में नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। इस अहम बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव को लेकर जारी होने वाली पहली अहम लिस्ट को लेकर इस बैठक में चर्चा हो रही थी कि आडवाणी ने यहाँ  तक कहा कि राहुल के बयान में कुछ भी गलत नहीं है।

उपर उठे सवालों का एक ही जवाब है| भाजपा में दोहरे सिद्धांतो का निर्माण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अभाव| इस कमी पर चिन्तन नहीं किया गया और जिसने इस ओर इशारा किया उसे किनारे करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई| आडवाणी जी तब दुखी भी नहीं हुए| एक दशक पूर्व की राजनीतिक स्थिति से ही यह परिस्थिति बनी है और अब भी इसे बदलने के प्रयास में किसी की रूचि नहीं है|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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