किसे चिंता है देश की

राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश आम  चुनाव 2014 की दहलीज़ पर खड़ा है| सारे दल अपनी सरकार के सपने देख रहे हैं| वोट बैंक बढ़ाने के लिए गठ्बन्धन बनने और टूटने का सिलसिला चल रहा है| सबको अपनी चिंता है,देश की किसी को फ़िक्र नहीं है| विश्व में भारत क छबि भ्रष्टतम देश की बनती जा रही है और इन चुनावों के बाद यह छबि और गहरी होगी इसमें कोई संदेह नहीं है|

अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में न्यायपालिका समेत सरकार के हर स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार है| अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी द्वारा जारी एक वार्षिक रिपोर्ट (कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज) में कहा गया, “भारत में भ्रष्टाचार व्यापक स्तर पर है|”

इस रिपोर्ट का आधार यहाँ दर्ज़ मामले हैं| सीबीआई ने 2013 जनवरी से नवंबर माह के बीच में भ्रष्टाचार के 583 मामले दर्ज किए हैं| केंद्रीय सतर्कता आयोग को वर्ष २०१३ में ७२२४  मामले मिले. ५५२८ मामले वर्ष २०१२ के थे और बाकी १६९६ मामले २०१२ से बचे थे. आयोग ने ५७२० मामलों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी| रस्म अदायगी के तौर पर संसद ने दिसंबर २०१३ में एक विधेयक पारित करके लोकपाल नामक एक निगरानी संगठन की स्थापना की, जो कि सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगा|

देश ऐसी छबि लेकर चुनाव में खड़ा है| यहाँ सवाल जीत या हार का नहीं बल्कि देश की वर्तमान छबि को बदलने का है और यह ताकत सरकार में कम आपके वोट में ज्यादा है| उसे चुने, जो देश की बिगड़ी छबि को सुधार सके|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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