भोपाल। राजधानी में हड़ताल पर बैठीं महिला संविदा कर्मचारियों ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम राखी भेजी और इसके साथ यह संदेश भी भेजा 'शिवराज भैया राखी के बंधन को निभाना व्यापम की परीक्षा में दोबारा मत बैठाना।' सनद रहे कि महिलाएं सीएम को राखी बांधना चाहतीं थीं परंतु पुलिसवालों ने उन्हें रोक दिया, बताया सीएम साहब ने इसकी अनुमति नहीं दी है।
यादगारे शहाँजहाँनी पार्क में नियमितीकरण के लिए दोबारा परीक्षा नहीं लिये जाने की मांग को लेकर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर तथा महिला बाल विकास सर्व पर्यवेक्षक समिति की अध्यक्ष नाहिद जहाँ के आव्हान पर 28 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठी महिला बाल विकास विभाग की संविदा महिला सुपरवाईजर आज जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने के लिए मुख्यमंत्री निवास के लिये रैली बनाकर निकली, तो वहां ड्यूटी पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने यादगारे शहाँजहाँनी पार्क से बाहर नहीं निकलने दिया गेट पर ही यह कह कर रोक दिया कि मुख्यमंत्री निवास से इस बात की परमिशन नहीं है कि आप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बाधों।
इस बात पर सभी संविदा महिला सुपरवाईजरों और संगठन के पदाधिकारियों की पुलिसकर्मियों से काफी बहस और धक्का मुक्की हुई। नाराज संविदा महिला संविदा सुपरवाईजरों ने सभी राखियाँ वहां उपस्थित ए.एस.आइ्र्र. विश्वकर्मा को राखियाँ सौपते हुये कहा कि हमारी राखीयाँ शिवराज भैया तक पहुंचा देना और कहना कि शिवराज भैया क्या केवल चुनाव के समय महिलाओं के वोट लेने के लिए ही प्रदेश की महिलाओं को अपनी बहने कहते हैं। या अपनी बहनों के दुख दर्द भी सुनते हैं।
वे खुले आम मीडिया में कहते हैं कि प्रदेश की सभी महिलाएं मेरी बहने हैं। और बहनों मैं को कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा। इस नाते शिवराज सिंह चौहान हमारे भाई हैं और वे इस प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री निवास हम महिलाओं का मायका है और मायके में जाने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। मुख्यमंत्री की बहने आज समस्याओं को लेकर सड़कों पर हैं। संविदा महिला सुपरवाईजरों ने ए.एस.आई. विश्वकर्मा से कहा कि मुख्यमंत्री को राखी देकर कहना कि भैया राखी के बंधन को निभाना व्यापम की परीक्षा में दोबारा नहीं बैठाना।
संविदा महिला पर्यवेक्षक संघ के द्वारा 1 मार्च को राखी बांधने की सूचना 28 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास पर लिखित पत्र के द्वारा दे दी गई थी । उसके बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज भईया की और से कोई बुलावा नहीं आया । जिससे सभी महिला पर्यवेक्षक नाराज और निराश हों गईं। 2 मार्च को सभी महिला सुपरवाईजर यादगारे शहाँजहाँनी पार्क से मुख्यमंत्री निवास तक दोपहर डेढ़ बजे रैली निकालेंगी । हड़ताली संविदा महिला सुपरवाईजरों ने 1 मार्च से कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए चलाये जा रहे रहे सुपोषण अभियान और स्नेह शिविर का बहिष्कार किया।
गौरतलब है कि महिला सुपरवाईजर (पर्यवेक्षक) 28 फरवरी से यादगारे शहाँजहाँनी पार्क में अनिश्चिित कालीन हड़ताल पर मंत्री परिषद के उस निर्णय को लेकर बैठी हैं, जिसमें यह कहा गया है कि यदि संविदा महिला पर्यवेक्षक नियमितीकरण चाहती हैं तो उन्हें पुनः व्यापम की परीक्षा देनी होगी जबकि संविदा पर्यवेक्षकों की जब भर्ती की गई थी तब पर्यवेक्षकों के द्वारा व्यापम की परीक्षा दी थी और मेरीट के आधार पर इनकी नियुक्ति की गई थी। अब जब महिला पर्यवेक्षक छः वर्षो से अध्यापन कार्य से दूर हैं तथा विभाग ने दिन - रात काम करवा कर इन संविदा महिला सुपरवाईजरों को खून चूस लिया है तो वो व्यापम की परीक्षा दोबारा कैसे दें।
ऐसी स्थिति में वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहीं अभ्यार्थियों के साथ संविदा महिला सुपरवाईजर कैसे व्यापम की परीक्षा उत्तीर्ण कर पायेंगी । वहीं सरकार ने गुरूजियों को संविदा शिक्षक बनाने के लिए व्यापम के माध्यम् से दो बार गुरूजी पात्रता परीक्षा ली जिसमें 7117 गुरूजी फेल हो गये । फेल हुये 7717 गुयजियों को सीधे संविदा शिक्षक बनाने के आदेश 10 फरवरी 2014 को आदेश जारी कर दिये ये फेल गुरूजी सीधे संविदा शिक्षक बन जायेंगें और तीन वर्ष बाद नियमित सहायक अध्यापक बन जायेंगे । वहीं 2007 में व्यापम की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेरीट के आधार भर्ती हुई संविदा महिला पर्यवेक्षकों को नियमितीकरण के लिए दोबारा परीक्षा देनी होगी । सरकार की यह दोहरी नीति के खिलाफ संविदा महिला पर्यवेक्षक हड़ताल पर हैं ।