और नीतीश खिचड़ी की शुरुआत

राकेश दुबे@प्रतिदिन। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा है कि 2014 के चुनाव में संसद त्रिशंकु होगी और उनके नेतृत्व में इकट्ठा होने जा रहा “जनता परिवार” ही तारनहार होगा और यह जनता परिवार एन डी ए और और यू पी ए से बाहर दलों से बनेगा | नीतीश बाबू  के ख्याल में दिल्ली की कुर्सी के बारे में अब तक आये, सर्वेक्षण प्रायोजित हैं |

जानकार सूत्रों का अनुमान है की यह गठबंधन 10-15 दिनों में आकार  ले सकता है | वैसे नीतीश बाबू की पहली योजना में मुलायमसिंह ,देवगौड़ा के साथ मिलकर कुछ करें | जब पहली योजना सिरे नहीं चढ़ी तो अब वामपंथी मित्रों के साथ  ओड़िसा और तमिलनाडु का सहारा लिया जा रहा है| इस गठबंधन का स्वरूप कैसा होगा ? इस बारे में अभी किसी को कोई स्पष्टता नहीं है |

लगता है अगले सप्ताह में कुछ नया देखने को मिले, क्योंकि कई विरोधाभास साथ-साथ चल रहे हैं | वामपंथियों का साथ लेने पर कई क्षेत्रीय दल तो नीतीश बाबू का साथ नहीं ही देंगे | ममता बनर्जी भी दूर रहेगी | इसी प्रकार मायावती से बातचीत के कारण अब मुलायम सिंह के जुड़ने की सम्भावना और कम हो गई है | मुलायमसिंह का सपना सबको अपने नेतृत्व में चलाने  का है |

गौर तलब बात यह है की नीतीश बाबू की यह कोशिशें तब शुरू हुई है , जब हाल ही में हुए सर्वेक्षण एन डी ए को २०० से ज्यादा सीटें दे रहे हैं | अगर सारे सर्वेक्षण गलत और नीतीश बाबू ही सही है तो उन्हें किसी एक गठबंधन का सहारा लेना ही होगा| भाजपा को वे अछूत करार दे चुके हैं और कांग्रेस के खिलाफ अभी उन्होंने मोर्चा खोला है | उनका मानना है मोदी सांप्रदायिक है और राहुल को तो जवाब देना ही नहीं आता | ऐसे में नीतीश खिचडी की हांड़ी आंच से बहुत दूर  दिखाई दे रही है |

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!