भोपाल। सीहोर के दोराहा थाने में दर्ज एक मामला यूं तो मानव तस्करी का है, लेकिन कहानी में फरियादी ने बताया है कि उसने 25 हजार में अपनी बीवी को खरीदा था, लेकिन वो चार दिन बाद ही वापस जाने लगी। उसने पुलिस को बताया कि मेरे साथ धोखा हुआ है।
वो पुलिस थाने गया तो धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखाने ही था, लेकिन मामला मानव तस्करी का निकला। ग्राम मगरखेड़ा निवासी कमलेश गौर ने श्यामपुर पुलिस चौकी में आकर बताया कि उसने दूसरी बीवी रखने के लिए आशा, मनोहर एवं मानसिंह से बात की थी। उन्होंने इसके लिए 50 हजार रुपए मांगे, बाद में मोलभाव कर मामला 25 हजार में तय हो गया।
इस सौदे के अनुसार सीमा नामक युवती उसके पास आ गई, कमलेश गौर ने अपनी नई बीवी सीमा को 25 हजार रुपए भी दे दिए, लेकिन चार दिन बाद ही सीमा ने उसके साथ रहने से मना कर दिया। बाद में बिचौलिए आशा, मनोहर एवं मानसिंह ने भी उसे सीमा को छोड़देने के लिए दवाब बनाया।
इसी विवाद के चलते कमलेश गौर अपनी खरीदी गई बीवी और उसके बिचौलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस चौकी पहुंचा। पुलिस ने उसकी बीवी बनकर आई सीमा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शेष तीनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
इस मामले में एक बार फिर समाज में मौजूद जिस्म फरोसी का वही चैहरा बेनकाब कर दिया है जो वर्षों से मध्यप्रदेश में परंपरा में है। लोग एक महिला को कुछ रुपए देकर 6 महीने या एक साल के लिए अपने पास ले आते हैं। महिला बीवी की तरह उसी के साथ रहती है, घर के काम काज भी करती है और कान्ट्रेक्ट खत्म हो जाने के बाद वापस चली जाती है।