मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन पर एक वेंडर की गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले ने जबलपुर रेलवे स्टेशन पर रेल विभाग की तमाम व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। यदि DRM का सिस्टम सही होता तो यह घटना ही नहीं होती।
गुंडागर्दी देखिए, समोसे वापस नहीं लिए, स्मार्ट वॉच उतरवा ली
पूरी वारदात का वीडियो स्टेशन पर मौजूद एक अन्य यात्री ने रिकॉर्ड कर रेल मंत्रालय को टैग कर ‘X’ हैंडल पर शेयर कर दिया। कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया। वीडियो 17 अक्टूबर शुक्रवार का बताया जा रहा है। घटना जबलुपर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 की है। यात्री ने वेंडर से समोसे खरीदे थे और UPI से भुगतान करने की कोशिश की, लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया। इस दौरान ट्रेन के चलने पर यात्री ने समोसे वापस किया और प्लेटफार्म छोड़ने लगा, तो वेंडर ने उसकी कॉलर पकड़ ली और जबरदस्ती उसकी कलाई से घड़ी उतरवा ली।
34 सेकेंड के वीडियो में कैद हुई घटना
यह पूरी घटना 34 सेकंड के एक वीडियो में कैद हो गई। जिसे Honest Cricket Lover नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने एक्स (X) पर शेयर किया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ट्रेन धीरे-धीरे प्लेटफॉर्म से रवाना हो रही है, जबकि यात्री बिना समोसा लिए ट्रेन की ओर बढ़ने की कोशिश करता है। तभी वेंडर उसे रोककर उसकी कॉलर पकड़ लेता है, और जब यात्री खुद को छुड़ाने की कोशिश करता है, तो वेंडर जबरदस्ती उसकी कलाई से घड़ी उतरवा लेता है।
एक्स पर यात्री ने लिखा -
Shameful incident at Jabalpur, Railway Station:
A passenger asked for samosas, Phone-Pe failed to pay, and the train started moving. Over this trivial matter, the samosa seller grabbed the passenger's collar, accused him of wasting time, and forced the money/samosa. The passenger had to remove his watch and hand it over to catch his train.
Now even travelling by train is not safe in the country.
DRM ने पत्रकारों के सवाल पूछने पर कार्रवाई की
वेंडर की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल होने के बाद जब पत्रकारों ने सवाल पूछना शुरू किया तब जबलपुर मंडल रेल प्रबंधक (DRM) ने आरोपी वेंडर की पहचान कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जब मामला नेशनल मीडिया तक पहुंच गया तब वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने की सूचना मीडिया को दी गई। फिर बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीम ने समोसा वेंडर को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। घटना के दो दिन बाद और DRM द्वारा पत्रकारों को लाइसेंस निरस्त्री एवं गिरफ्तारी की सूचना दिए जाने के चार घंटे बाद तक रेलवे द्वारा की गई कार्रवाई का कोई डॉक्यूमेंट्री एविडेंस नहीं दिया गया है। यहां तक कि रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी द्वारा भी ऐसी किसी कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई है।
ऐसी स्थिति में कह पाना मुश्किल है कि, DRM ने सचमुच कार्रवाई की है या फिर मामले को शांत करने के लिए ऐसा बयान दे दिया है।