मध्य प्रदेश के प्राइवेट सेक्टर यानी सभी प्रकार के कारखाने, फैक्ट्रियां एवं प्राइवेट कंपनियां के किसी भी प्रकार के प्रोजेक्ट में काम करने वाले मजदूर एवं अस्थाई कर्मचारियों को यदि बोनस नहीं मिला है तो वह टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। इस न्यूज़ में शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर के अलावा अन्य विकल्प के बारे में भी बताया गया है। यह भी बताया है कि किस प्रकार के मजदूर और कर्मचारियों को बोनस का अधिकार है।
₹21000 से कम वेतन वाले सभी कर्मचारियों को बोनस का अधिकार
श्रम विभाग द्वारा राज्य में संचालित समस्त कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे संस्थान जहां बीस या इससे अधिक श्रमिक कार्यरत हैं और जिनका मासिक वेतन 21 हजार रूपये से कम है, उन्हें बोनस भुगतान किया जाना जरूरी है।
बोनस के निर्धारण का फार्मूला
अधिनियम के अनुसार हर लेखा वर्ष में किए गए कार्य के बोनस का भुगतान आगामी लेखा वर्ष में 30 नवंबर तक किया जाना चाहिए। बोनस की राशि 7000 रूपये अथवा 8.33% जो भी अधिक हो वह देय होगी।
कंपनी वाला सेठ बोनस नहीं दे तो कहां पर शिकायत करें
उप श्रम आयुक्त श्री आशीष पालीवाल ने बताया है कि उक्त बोनस का भुगतान न होने की स्थिति में अपनी शिकायत संबंधित जिला श्रम कार्यालय में, एल.सी.एम. एस.पोर्टल पर, शासन द्वारा संचालित cmhelpline पोर्टल 181 पर अथवा श्रम विभागीय टोल फ्री नंबर 18002338888 पर दर्ज करवा सकते हैं।
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