मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में 27% आरक्षण वाला मामला अब एक बार फिर उलझता हुआ दिखाई दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 24 सितंबर को संभावित है। मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग का पक्ष रखने के लिए वकील फाइनल कर दिया है।
मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग के लिए नया अधिवक्ता नियुक्त
वरिष्ठता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित मामलों में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखने के लिए तमिलनाडु राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद पी. बिलशन तथा शशांक रतनू को अधिकृत कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 24 सितंबर को मामले की सुनवाई होने की संभावना है। वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, वरुण ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी वर्ग के उन उम्मीदवारों का पक्ष रखेंगे, जिन्होंने चयन परीक्षा पास कर ली है लेकिन उनकी नियुक्ति 13 प्रतिशत व्यवस्था के कारण आज भी HOLD बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि ओबीसी आरक्षण के मामले को सॉल्व करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा सर्व दलीय बैठक का आयोजन किया गया था। इस मीटिंग में कुछ पॉइंट्स फाइनल किए गए थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि इस मामले से जुड़े हुए सभी वकील बैठकर अपनी रणनीति तय करें और सर्वदलीय बैठक में जो फैसले हुए हैं उसके अनुसार कोर्ट में मामले का निराकरण शुरू करें, परंतु बाद में वकीलों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई। नेताओं के बीच में क्रेडिट की लड़ाई शुरू हो गई।