गुजरात राज्य में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मध्यप्रदेश के रतलाम में रहने वाले 7 वर्षीय शुभम निमाना के पेट और छोटी आंत से बालों का एक गुच्छा, घास और जूते के फीते का धागा (ट्राइकोबेज़ोअर) सफलतापूर्वक निकाला है। यह सब कुछ बच्चे ने खाया नहीं था बल्कि यह एक बीमारी है। इस अत्यंत दुर्लभ बीमारी का प्रकोप केवल 0.3-0.5% बच्चों में पाया जाता है।
मध्य प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल ने ₹200000 भी ले लिए, इलाज भी नहीं किया
अहमदाबाद सिविल में ऑपरेशन के बाद अब बच्चा स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि शुभम पिछले दो महीनों से पेट दर्द, उल्टी और वजन घटने की समस्या से पीड़ित था। जिसे लेकर मध्य प्रदेश के एक निजी अस्पताल में उसके ऑपरेशन पर लगभग 2 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद राहत नहीं मिली थी। बाद में बच्चे को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल लाया गया।
सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी से सब कुछ पता चल गया
बच्चे का सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी के बाद डॉक्टरों ने पाया कि पेट में बालों का एक गुच्छा और धागा है। इसके बाद प्रोफेसर डॉ. जयश्री रामजी के नेतृत्व में एक जटिल एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी करके गुच्छे को सफलतापूर्वक निकाला गया है। इस ऑपरेशन में प्रोफेसर डॉ. शकुंतला गोस्वामी और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भरत माहेश्वरी की टीम ने एनेस्थीसिया का काम संभाला।