भारत के चुनाव आयोग ने पब्लिक सेक्टर के सभी बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, सभी सरकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सभी प्रकार की बीमा कंपनियां और वित्त विभाग के अधीन लोन वसूली न्यायाधिकरण एवं अन्य सभी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी के प्रमोशन और ट्रांसफर की मंजूरी दे दी है। सिर्फ इतना निर्देशित किया है कि, उन कर्मचारियों के ट्रांसफर ऑर्डर पर आचार संहिता की समाप्ति तक अमल नहीं किया जाएगा जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगाई गई है।
वित्त मंत्रालय ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी
दिनांक 26 मार्च 2024 को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने चुनाव आयोग को एक पत्र ईमेल किया था। इसमें वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक सहित पब्लिक सेक्टर के सभी बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम सहित सभी प्रकार की बीमा कंपनी, सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और लोन वसूली न्यायाधिकरण सहित वित्त विभाग मंत्रालय के अधीन सभी संस्थाओं के कर्मचारी को प्रमोशन, ट्रांसफर एवं नए कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया नियमित रूप से संचालित करने की अनुमति मांगी थी।
चुनाव आयोग ने दिनांक 28 मार्च 2024 को, पत्र के जवाब में बताया कि आदर्श आचरण संहिता के कारण कर्मचारियों के ट्रांसफर एवं प्रमोशन पर कोई रोक नहीं है। आयोग को इससे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जिन कर्मचारियों की सेवाएं चुनाव कार्य के लिए निर्वाचन आयोग के अधीन कर दी गई है, उनके ट्रांसफर आर्डर पर आचार संहिता के समाप्त हो जाने तक अमल नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा रिक्त पदों पर भर्ती परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी करना एवं भर्ती परीक्षा के बाद उसका रिजल्ट जारी करना इत्यादि, चुनाव परिणाम तक स्थगित कर दिए जाएं।
उल्लेखनीय है कि आदर्श आचार संहिता (MCC) कोई कानून नहीं है। इसे भारत की संसद की ओर से पारित नहीं किया गया है और इसे किसी कानून के तहत लागू नहीं किया जा सकता है। यह एक पोल पैनल की ओर से जारी होने वाले दिशा निर्देश हैं, जो केवल उन पर लागू होते हैं जो चुनाव प्रक्रिया में शामिल है।
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