Legal general knowledge and law study notes
अश्लीलता भरी पुस्तक, चित्र आदि को बेचना या प्रदर्शित करना भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 292 अंतर्गत एक दण्डनीय अपराध होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति 20 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिका को किसी भी प्रकार की अश्लीलता वाली पुस्तक देता है, मोबाइल या इन्टरनेट द्वारा वीडियो भेजता है, चित्र भेजता है जिससे उस बालक की भावना को क्षति होती है तब यह किस धारा के अंतर्गत अपराध होगा जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 293 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी 20 वर्ष से कम उम्र के लड़का तो लड़की को कोई अश्लील वस्तु (वेब सीरीज, वीडियो, फोटो अथवा मैसेज, फिल्म, पत्र पत्रिका अथवा कोई वॉलपेपर) भेजेगा, बेचेगा यह कोई चित्र,वीडियो आदि भेजेगा या उसके सामने प्रदर्शित करेगा तब ऐसा करने वाला व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 293 के अंतर्गत दोषी होगा।
Indian Penal Code, 1860 section 289 Punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध में प्रथम दोषसिद्ध पर तीन वर्ष की कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। दूसरी बार अगर इसी अपराध के लिए व्यक्ति दोषसिद्ध होता है, तब सात वर्ष की कारावास और पाँच हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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