MPPSC 2019: विवाद के बाद पांच प्रश्न विलोपित

इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में दिनांक 12 जनवरी 2020 को आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए पांच प्रश्नों को विलोपित कर दिया है। यानी कि इन प्रश्नों का अब कोई मूल्य नहीं रहा। उम्मीदवारों ने इन प्रश्नों का सही उत्तर दिया हो या गलत उन्हें कोई अंक नहीं मिलेगा। 

लोक सेवा आयोग ने पांच प्रश्न विलोपित क्यों किए 

राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तत्काल बाद खंडवा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम दांगोरे (जो खुद परीक्षा देने आए थे) ने परीक्षा कक्ष के बाहर निकल कर पूछे गए प्रश्न पर आपत्ति जताई थी। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 में भील जनजाति से संबंधित आपत्तिजनक सवाल पूछे गए थे। कुछ ही देर में यह मामला देश भर की मीडिया में सुर्खियां बन गया। कांग्रेस पार्टी के भी कई विधायकों एवं मंत्रियों ने इस तरह के सवाल पर आपत्ति उठाई। अंततः लोक सेवा आयोग ने भील जनजाति से जुड़े सभी पांच प्रश्नों को विलोपित कर दिया। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का पेपर 200 नंबर का था। अब इसमें से पांच प्रश्नों का योग घटा दिया जाए। इसी के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी। 

मध्य प्रदेश की राज्य सेवा परीक्षा हर बार विवादित हो जाती है 

बड़ी चौंकाने वाली बात है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा हर बार विवादित हो जाती है। लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञ पुराने अनुभवों के आधार पर भी इस तरह का पेपर सेट नहीं कर पाते जिसमें कोई विवाद की गुंजाइश ही ना हो। लोक सेवा आयोग पर आरोप भी लगे हैं कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पेपर में गड़बड़ियां की जाती है। कुछ प्रश्न कैसे पूछे जाते हैं जिनका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं होता। लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञ जिसे सही बता दें वही सही मान लिया जाता है।

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