भोपाल. भारत सरकार के टूरिज्म डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन (आईटीडीसी) और मप्र के पर्यटन निगम (Madhya Pradesh Tourism Development Corporation) का तैंतीस साल तक संयुक्त उपक्रम रहा होटल लेक व्यू अशोक अब निजी क्षेत्र के हाथों में जाने वाला है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। होटल क्षेत्र के बड़े कारोबारियों ने इसकी रुचि भी दिखा दी है। इसे बेचने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे, क्योंकि इसकी लोकेशन हर लिहाज से बेहतरीन है। इसके अलावा सरकार प्रदेश की 7 अन्य प्रॉपर्टी भी जल्द बेचने वाली है। पर्यटन विकास निगम ने इन सभी का अध्ययन कर लिया है।
होटल अशोक 1985-86 में बना। तब इसके लिए जमीन 30 साल की लीज पर दी गई थी। यह 2016 में पूरी हो गई। तभी से लीज की फाइल पेंडिंग चल रही थी। हाल ही में सीएम सचिवालय स्तर पर इसे निजी हाथों में देने का विचार किया गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस पर सहमति दे दी। तैंतीस साल पहले भारत सरकार और मप्र सरकार ने क्रमश: 51 फीसदी और 49 फीसदी इक्विटी पर इस होटल की शुरुआत की थी। उसका संचालन भी किया। दो साल पहले मप्र ने भारत सरकार से 51 फीसदी इक्विटी खरीदकर होटल अशोक का अधिकार अपने हाथ में ले लिया।
दो दिन पहले ही अगले 30 साल के लिए होटल अशोक की जमीन की लीज रिवाइज की गई है। यह 28 हजार 989 वर्ग मीटर में फैला है। इसमें होटल के साथ शादी लाॅन शामिल है। बताया जा रहा है कि आईटीसी ग्रुप ने गुरुवार को होटल का मुआयना भी किया और खरीदने की रुचि दिखाई। नीलामी के बाद होटल अशोक खरीदने वाली कंपनी के साथ मप्र पर्यटन विकास निगम एग्रीमेंट करेगा। शर्तें तय करने की प्रक्रिया चल रही है।
शिवराज सरकार ने 2016 में पर्यटन नीति में होटल को निजी हाथों में देने का प्रावधान किया था। इसमें शर्त है कि होटल लेने वाली कंपनी इसका संचालन करेगी और सालाना लीज का पैसा देगी। वह किसी भी शर्त या एग्रीमेंट का उल्लंघन करेगी तो उसे होटल पर्यटन विकास निगम को देना होगा। भोपाल में शाहपुरा का रैन-बो ट्रीट और सैर सपाटा रेस्टोरेंट इन्हीं शर्त पर वापस निगम के पास आया।