जाट- पहचान, जाति, उत्पत्ति, वंश, संस्थापक और लोकप्रिय राजा, यहां पढ़िए

जाटों को भारतीय पौराणिक ग्रंथों में वर्णित चारों वर्णों में कोई स्थान नहीं मिला इसलिए ये एक अलग ही पहचान रखते हैं। इनकी चेहरे की बनावट, शारीरिक बनावट और क्षमता, त्वचा के रंग, रीति-रिवाज और शारीरिक हाव-भाव ही इनका इतिहास और इनके मूल स्थान का ब्यौरा देने के लिए काफी हैं। 

क्या जाट क्षत्रिय हैं

कुछ स्रोतों में कहा गया है कि जाटों को क्षत्रिय माना जाता है जबकि अन्य उन्हें वैश्य या कृषक वर्ण प्रदान करते हैं। ब्राह्मणों को छोड़कर अधिकांश उत्तर भारतीय गांवों में जाट, राजपूत, और ठाकुर जाति पदानुक्रम के शीर्ष पर हैं। 

जाट कैसे पैदा हुए

यूनानी इतिहासकार प्लिनी और टॉलेमी का मत है कि जाट मूल रूप से ऑक्सस नदी के तट पर रहते थे, जो ईसा से लगभग एक सदी पहले भारत में आकर बस गए। कुछ इतिहासकारों का मत है कि जाट मूल रूप से इंडो-आर्यन मूल के हैं। यह भारत के सबसे प्राचीन लोगों में से एक हैं।

जाट की उत्पत्ति कहां से हुई, कौन से वंश से आते हैं

कृष्ण के वंशज जो कृष्णिया या कासनिया कहलाते हैं वर्तमान में जाटों के एक गोत्र के रूप में मौजूद हैं। एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार शिव की जटाओं से जाट की उत्पत्ति मानी जाती है। यह सिद्धान्त देव संहिता में उल्लेखित है। 

जाट वंश का संस्थापक कौन है

बदनसिंह ने 1722 ई. में भरतपुर नामक नवीन रियासत का गठन कर डीग के किले व जलमहलों का निर्माण शुरू करवाया । बदनसिंह को ही 'जाट राजवंश का वास्तविक संस्थापक' माना जाता है। 

सबसे लोकप्रिय जाट राजा कौन 

महाराजा सूरजमल का जन्म औरंगजेब की मौत वाले दिन 13 फरवरी 1707 को हुआ। उनके पिता राजा बदनसिंह ने उनका पालन पोषण किया। राजा सूरजमल को ही भरतपुर रियासत की नींव रखने का श्रेय जाता है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !