MPPSC: 9 परीक्षाएं निरस्त का 2.5 करोड़ की ठगी | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर करीब ढाई करोड़ की राशि दबा ली है। यह वह राशि है जो शुल्क के तौर पर वसूली गई लेकिन परीक्षाएं नहीं हुर्इं। आयोग का तर्क है कि जिस परीक्षार्थी ने आवेदन देकर शुल्क मांगा, उसे वापस किया गया। विभाग ने खुद लौटाने के मामले में चुप्पी साध ली है। यह मामला ठगी का है। परीक्षाएं निरस्त करने के बाद परीक्षा फीस लौटाना लोकसेवा आयोग की जिम्मेदारी है। इसके लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। जिस प्रक्रिया की फीस वसूली गई है, उसी प्रक्रिया से लौटानी चाहिए। जैसा कि भारतीय रेल करती है। 

एमपीपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं को कराने के लिए प्रतिभागियों से निर्धारित शुल्क लेता है। यह राशि परीक्षाओं के संचालन और अन्य व्यवस्थाओं में खर्च की जाती है लेकिन आयोग ने 9 ऐसी परीक्षाओं का शुल्क दबा रखा है जिन परीक्षाओं को निरस्त कर दिया गया है। तीन साल के भीतर जिन परीक्षाओं को निरस्त किया गया है उनमें प्राचार्य वर्ग एक, प्राचार्य वर्ग दो, प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सहायक अनुसंधान अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक प्राध्यापक परीक्षा (वर्ष 2014 एवं 2016), हाउस मैनेजर आदि।

डेढ़ हजार से ज्यादा परीक्षार्थी
जानकारी के अनुसार निरस्त की गई परीक्षाओं के लिए 16 हजार 743 परीक्षार्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग ने विभिन्न परीक्षाओं के नाम पर 2 करोड़ 47 लाख 82 हजार 380 रुपए परीक्षा शुल्क लिया था। यह राशि शासन के मद में जमा करना बताया गया है। आयोग इस बात की जानकारी देने से कतरा रहा है कि निरस्त परीक्षाओं की कितनी राशि आवेदकों को वापस की गई है। बल्कि तर्क दिया गया है कि जिन्होंने आवेदन देकर परीक्षा शुल्क मांगी उसे लौटाया गया है।

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