
इस प्रश्न पत्र के बारे में वैशाली जिले के एक छात्र ने शिकायत की। यह परीक्षा केंद्र सरकार की सर्व शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत आयोजित की जा रही है। जिसे राज्य शिक्षा विभाग का बिहार शिक्षा प्रोजेक्ट काउंसिल आयोजित करता है और इस परीक्षा पर निगरानी रखता है। छात्र की शिकायत के बाद विभाग ने यह स्वीकार की है कि यह एक मुद्रण त्रुटि है, लेकिन शर्मनाक है। उधर, मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की इस लापरवाही की चर्चा चारों ओर हो रही है।
प्रश्नपत्र जैसे दस्तावेज में इतनी भारी चूक को केवल छपाई की गलती नहीं माना जा सकता। पेपर तैयार करने की पूरी प्रक्रिया के दौरान उसे कई बार जांचा जाता है। यहां तक कि छपाई पर जाने से पहले भी उसकी जांच होती है और प्रिटिंग प्रेस वही छापती है जो सरकारी अधिकारियों की सील व हस्ताक्षर के साथ उसे प्रकाशन हेतु प्राप्त होता है। अब देखना यह है कि क्या इस मामले की जांच होती है और क्या यह पता लगाया जा पाता है कि यह केवल एक चूक थी या किसी उद्दंड अधिकारी की गंदी हरकत।