GOOGLE को रिजाइन कर खोली समौसे की दुकान, 75 लाख का टर्नओवर

मुनाफ कपाडिया, ये नाम किसी युवक का नहीं बल्कि जिंदगी की हर राह के लिए मंजिल तलाश लेने की परिभाषा है। एमबीए की पढाई के बाद भारत के बाहर बड़ी कंपनियों में जॉब के लिए ट्राई करना शुरू किया। आप इसे किस्मत कह सकते हैं कि गूगल जैसी कंपनी ने मुनाफ को जॉब दी। जून 2011 में उन्होंने गूगल में सेल्स डिपार्टमेंट में ज्वाइन किया था लेकिन जल्द ही इस नौकरी को छोड़ दिया और मुंबई में आकर समौसे की दुकान खोल ली। आज मुनाफ की दुकान का टर्नओवर 75 लाख रुपए है। 

ऐसे आया विचार
गूगल में नौकरी छोड़ने के विचार के बारे में जब पूछा गया तो मुनाफ ने बताया करीब दो साल पहले मेरी दादी की डेथ हो गयी थी। जिसकी वजह से मम्मी काफी परेशान रहती थीं। एक दिन का किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि मैं घर पर टीवी देख रहा था इतने में मम्मी आईं और उन्होंने चैनल चेंज कर दिया। मैंने मम्मी को बोला कि आपने चैनल क्यों चेंज कर दिया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास कुछ करने के लिये नहीं है इसलिये मैं टीवी देख रही हूं।

मम्मी को बिजी करने का टारगेट 
इसके बाद हमारी फैमली ने सोचा कि हमें मम्मी को बिजी रखने के लिये कुछ करना पड़ेगा। तो मैंने अपने कुछ दोस्तों को ईमेल और मैसेज कर घर पर बुलाया और मम्मी के हाथ का बना खाना खिलाया। लोगों को मम्मी के हाथ का बना खाना पसंद आया बस वहीं से मेरे अन्दर इसी काम को आगे बढ़ाने का मन करने लगा।

शुरू हो गई समौसे की दुकान 
मुनाफ समोसे की खासियत के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि मेरी मम्मी वैसे तो बहुत सी डिशेज बनाती हैं और सबको पसंद भी आती हैं लेकिन उनमें से सबसे खास है मटन कीमा समोसा जो लोगों को बहुत पसंद आया। बस वहीं से शुरू कर दिया सफर। बता दें कि मुनाफ दाऊदी बोहरा समुदाय से ताल्लुक रखते है इसलिये इन्होंने अपनी फर्म को नाम दिया 'द बोहरी किचन'।

सिर्फ 5 कर्मचारी, टर्नओवर 75 लाख 
मुनाफ बताते हैं समोसे के अलावा हम और भी डिशेज बनाते हैं जैसे मटन समोसा, नरगिस कबाब, डब्बा गोश्त आदि और हमारे रेग्युलर कस्टमर भी इन डिशेज को काफी पसंद करते हैं जो रोज आर्डर बुक कराते हैं। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री में भी मेरे किचन का खाना जाता है।मुनाफ बताते हैं इस समय उनकी फर्म में 5 लोग काम कर रहे हैं और उनकी फर्म सालाना करीब 75 लाख का टर्नओवर कर रही है। भविष्य में मुनाफ अपनी फर्म के टर्न ओवर को अगले कुछ वर्षों में 3 से 5 करोड़ तक पहुंचाना चाहते हैं। मुनाफ की स्‍टोरी और उनका काम इतना फेमस हुआ कि फोर्ब्‍स ने अंडर 30 अचीवर्स की लिस्‍ट में उनका नाम शामिल कर लिया है।

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