कर्मचारी: जो गहलोत दे गए थे, उसे भी वापस छीन रहीं हैं वसुंधरा

जयपुर। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार चुनावी साल में जाते-जाते कर्मचारियों को जो फायदे दे गई, कर्मचारियों के अनुसार मौजूदा उन्हें सरकार एक-एक कर वापस ले रही है। पूर्ववर्ती सरकार ने तत्कालीन प्रमुख वित्त सचिव गोविंद शर्मा कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जून 2013 में नोटिफिकेशन जारी कर राज्य कर्मचारियों वेतन और प्रमोशन दोनों का फायदा दिया। इनमें 58 से ज्यादा स्टेट सर्विसेज के कैडर्स में सुपर टाइम और हायर सुपर टाइम के पद सृजित करने की मंजूरी दी गई।

मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए नए पदनाम दिए गए। सीधी भर्ती से आने वाले कई कैडर्स के लिए नए पे बैंड बनाए गए। दिसंबर 2013 में सरकार बदलने के बाद वित्त विभाग ने इन्हीं सिफारिशों को गलत बताया। विभाग ने तर्क दिया कि इन सिफारिशों की गलत व्याख्या की गई जिससे वेतन विसंगतियां पैदा हो गईं और सर्विस पिरामिड भी बिगड़ गया। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना का कहना है कि सरकार के इन फैसलों से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है। कर्मचारी संगठनों ने इन फैसलों का विरोध करना शुरू कर दिया है।

पदोन्नतिके आदेश नवंबर 2015 में हुए रद्द
विभिन्नकैडर के कर्मचारियों और संगठनों का कहना है कि जून 2013 के नोटिफिकेशन पर कटौती की कैंची सबसे पहले नवंबर 2015 में चली। इस नोटिफिकेशन के आधार पर स्टेट सर्विसेज में सुपर टाइम और हायर सुपर टाइम के जो पद सृजित करने की मंजूरी दी गई थी उनमें से 18 से ज्यादा स्टेट सर्विसेज में प्रमोशन के लगभग 430 पदों को 23 नवंबर 2015 के नोटिफिकेशन के जरिए समाप्त कर दिया गया। इसमें आर्थिक एवं सांख्यिकी में एडिश्नल डॉयरेक्टर, तकनीकी शिक्षा (नॉन इंजीनियरिंग) में वाइस प्रिंसिपल, एंप्लायमेंट एक्सचेंज सर्विस में अतिरिक्त निदेश और निदेशक, एक्साइज सर्विसेज (जनरल ब्रांच/ प्रिवेंटिव ब्रांच) में एडिश्नल कमिश्नर, राजस्थान एवोल्यूशन सर्विसेज में अतिरिक्त निदेशक, फूड डिपार्टमेंट में ज्वाइंट कमिश्नर, भूजल विभाग में सुप्रीन्टेंडेंट हाइड्रोलॉजिस्ट के कई पद समाप्त कर दिए। इसी तरह सेक्रेट्रिएट लाइब्रेरियन स्टेट एंड सबऑर्डिनेट सर्विसेज, उद्योग विभाग, जेल विभाग, मोटर गैराज और पर्यटन विभाग में भी सुपर टाइम के पदों में कटौती की गई।

मंत्रालयिक कर्मियों के पदनाम पर रोक 
गहलोतसरकार ने अगस्त 2013 में मंत्रालयिक कर्मचारियों से हुए समझौते के आधार उन्हें प्रमोशन के लिए 26 हजार पद और नए पदनाम देने की घोषणा की थी। मौजूदा सरकार ने इनमें करीब 14 हजार पद काट दिए और परिवर्तित पदनाम भी मंजूर नहीं किए।

हायर सुपर टाइम में की कटौती
आरएएस,आरपीएस और आरएसीएस में भी हायर सुपर टाइम के लिए गहलोत सरकार ने 8 प्रतिशत कोटा मंजूर किया था। मौजूदा सरकार ने इस साल इन कैडर्स का पुनर्गठन कर हायर सुपर टाइम के प्रमोशन कोटे को 8 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया। हालांकि इन कैडर्स में यह कटौती अप्रेल 2018 से लागू होगी।

विवादित ग्रेड पे वालों की वेतन वृद्धि रोकी
जून2013 में ही गोविंद शर्मा कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जिन कैडर्स की ग्रेड पे बदली गई थी। उन आदेशों पर वित्त विभाग ने इसी महीने रोक लगाई है। वित्त विभाग का कहना है कि गोविंद शर्मा कमेटी की सिफारिशों की गलत व्याख्या की गई है जिससे इन कैडर्स में प्रोसेस से आने वाले और सीधी भर्ती वाले कर्मचारियों में वेतन विसंगतियां हो गई हैं। इसी के चलते वित्त विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर जून 2013 के बाद सीधी भर्ती से आए 1750, 1900, 2000, 2400, 2800 और 4800 कैडर्स वाले कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी है। करीब 50 हजार कर्मचारी इस आदेश से प्रभावित हुए हैं।

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