मप्र में माफिया राज: कलेक्टर के फर्जी आदेश बनाकर 141 जब्त वाहन छोड़ दिए

भोपाल। अब आप दावे के साथ कह सकते हो कि मप्र में खनिज माफिया का राज स्थापित हो गया है। भिंड में माफिया ने जब्त हुए 141 वाहन कलेक्टर के फर्जी आदेश बनवाकर छुड़ा लिए। माफिया के इशारे पर कलेक्टर का फर्जी आदेश माइनिंग विभाग के कर्मचारी ने ही बनाए। इतना ही नहीं, इन फर्जी आदेशों को रिकॉर्ड में नस्ती भी किया गया। बताया जा रहा है कि यह खेल लंबे समय से चल रहा था। खुलासा तो तब हुआ जब कलेक्टर ने अवैध परिवहन करते वाहन को पकड़ा। ड्रायवर ने कलेक्टर को बताया कि वो कलेक्टर के आदेश पर परिवहन कर रहा है। ड्राइवर के बयान से चौंक उठे भिंड कलेक्टर टी इलैया राजा ने खनिज शाखा का रिकॉर्ड मंगाकर परीक्षण किया तो फर्जीवाड़ा सामने आया। इस मामले में तत्काल सर्वेयर को निलंबित कर दिया है। 

फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कलेक्टर ने खनिज शाखा की फाइलों का एडीएम के साथ निरीक्षण किया। जांच में पता चला कि खनिज अफसरों ने कलेक्टर का फर्जी आदेश तैयार कर अवैध उत्खनन या ओवरलोडिंग में पकड़े गए 141 वाहनों को छोड़ दिया। इस फर्जीवाड़े में खनिज निरीक्षक संदेश पिपलौदिया और सर्वेयर विजय कुमार चक्रवर्ती की भूमिका सामने आई है। जिस पर सर्वेयर को तत्काल निलंबित कर दिया है। कलेक्टर टी इलैया राजा ने बताया कि खनिज अधिकारी पहले से निलंबित चल रहा है, फिर भी उसे इस मामले में नाटिस दिया गया है। कलेक्टर ने  31 मई को देर शाम खनिज कार्यालय पर छापा मारा और रेत के वाहन छोडऩे की फाइलें जब्त की। खास बात यह है कि इन फाइलों पर कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर ही नहीं थे। 

कलेक्टर छुट्टी पर थे, इधर आदेश जारी हो गए 
कलेक्टर ने बताया कि वे 28 और 29 मई को छुट्टी पर थे। इसी दौरान खनिज शाखा से फर्जी आदेश तैयार किए गए और वाहन छोड़े गए। हालांकि वाहनों से जुर्माना एवं रॉयल्टी आदि वसूली गई, लेकिन यह खनिज अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में नहीं था। बतौर कलेक्टर हमने खनिज शाखा का रिकॉर्ड जब्त कर जांच की तो पाया कि जब मैं अवकाश पर था, तभी सबसे ज्यादा वाहन फर्जी तरीके से छोड़े गए थे। पहले भी इस तरह के फर्जी आदेश से वाहन छोड़े जाने की फाइल सामने आई है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !