
CBI ने 28 सार्वजनिक बैंकों और एक निजी बैंक से जुड़े विभिन्न लोन धोखाधड़ी मामलों की जांच के दौरान धन के हेर-फेर की इन गतिविधियों को पकड़ा. इसके साथ ही एजेंसी कम से कम 30,000 करोड़ रुपये के लगभग 200 मामलों की जांच कर रह रही है. सीबीआई इन कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और जुड़े हुए मामलों का केस चलाएगी।
जानकारी के मुताबिक CBI ने इन मामलों को जांच एजेंसियों के पास भी भेजा है ताकि इनमें कंपनी कानून, मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए), बेनामी लेन-देन (निरोधक) कानून और आयकर कानून जैसे कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सके. CBI का कहना है कि उसने नोएडा, मुंबई, कोलकाता और जगहों पर डिजिटल स्टूडियो स्थापित करने के लिए बैंक लोन लिए और उसके हेर-फेर के लिए 98 से अधिक फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया.