पंचायत मंत्री के क्षेत्र में सरपंच-सचिवों का अर्धनग्न प्रदर्शन | PANCHAYAT RAJ

सागर। सरपंच-सचिवों की हड़ताल के कारण जिले में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान फीका नजर आ रहा है। कई स्थानों पर ग्राम सभाएं नहीं होने से लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रविवार को पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र रहली जनपद मुख्यालय में सरपंच-सचिवों ने पहली बार अर्द्घनग्न प्रदर्शन किया। सरपंच-सचिवों ने रविवार को अवकाश के दिनों में भी जनपद मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। सरपंच एवं सचिव संघ के अध्यक्ष जगन्नाथ प्रसाद गौर ने बताया कि सरपंच-सचिवों की मांगों की अनदेखी के कारण हम सभी में आक्रोश है। 

कई बार आंदोलन किए गए, लेकिन मुख्यमंत्री और विभाग के अधिकारी आश्वासन देकर हड़ताल समाप्त करवाते रहे। पिछले 5 माह से हम लोगों को न तो वेतन मिल रहा है और न ही अनुकंपा नियुक्ति सहित हमारी दूसरी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसलिए अब जिले के सभी सरपंच और सचिव सोमवार को सागर में एकत्रित होकर सिविल लाइन चौराहे से जुलूस निकालेंगे और कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर विकास नरवाल को सामूहिक इस्तीफा देंगे।

पंचायत मंत्री के क्षेत्र में अर्द्घनग्न प्रदर्शन
रहली जनपद मुख्यालय में पंचायत सचिव एवं सरपंचों ने एकत्रित होकर अर्द्घनग्न प्रदर्शन किया। अब तक हुई हड़ताल में रहली क्षेत्र के सरपंच और सचिव हड़ताल में शामिल नहीं होते थे, लेकिन इस बार रहली जनपद मुख्यालय में सरपंच और सचिवों ने भी धरना देकर अर्द्घनग्न प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक इस्तीफा देने के बाद भी हम सभी आंदोलन जारी रखेंगे और 19 अप्रैल को सुरखी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हम सभी विरोध करेंगे।

सफल नहीं हो रही ग्राम सभाएं
पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष जगन्नाथ गौर का कहना है कि जिले में एक भी ग्राम सभाएं सफल नहीं हो रही हैं। उद्घाटन वाले दिन सिर्फ भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई, लेकिन जिले में एक भी ग्राम सभा नहीं हो रही है। सरपंच और सचिवों के हड़ताल पर जाने से ग्राम सभाओं में लोगों को सरकारी योजनाओं का न तो लाभ मिल रहा है न ही उन्हें कोई जानकारी दी जा रही है। हालात यह हैं कि कई ग्राम सभाओं में कोरम भी पूरा नहीं हो रहा है।

कृषि महोत्सव भी फीका, ग्राम सभाओं में नहीं पहुंचे अधिकारी
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत कृषि महोत्सवों का आयोजन भी खानापूर्ति साबित हो रहा है। कृषि विस्तार अधिकारियों ने पीली कोठी के पास अवकाश के दिन भी धरना दिया। वहीं लगतार तीसरे दिन भी कृषि रथों का बहिष्कार किया गया। हड़ताल पर रहने के कारण कृषि रथों को लेकर कुछ स्थानों पर ही नोडल अधिकारी पहुंचे, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों को जोड़ के रखने वाले अधिकारियों की अनुपस्थिति होने से अधिकारी कृषि महोत्सवों में किसान गायब ही नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 9 सूत्रीय मांगों को लेकर कृषि विस्तार अधिकारी हड़ताल कर रहे हैं। रविवार को सुशील पांडे, पीएन चतुर्वेदी, आईएस वैद्य, उमाकांत, देवंद्र श्रीवास्तव, अजय जैन, केके ताम्रकार आदि मौजूद थे।

पटवारी, आरआई और कोटवार ने दिया धरना
जिले में पटवारी, आरआई और कोटवारों की हड़ताल भी रविवार को सातवें दिन जारी रही। अधिकारियों का दबाव न पड़े इसलिए पटवारियों की एक जिला स्तरीय समिति खुरई में संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करने पहुंची तो वहीं संभागीय कमेटी व आरआई और कोटवारों ने तहसीली परिसर में ही धरना दिया। पटवारियों व आरआई की हड़ताल से तहसीली और कलेक्टोरेट में कामकाज बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। धरना स्थल पर अवध श्रीवास्तव, सूरज शर्मा, सुभाष यादव, नितिन यादव, संजय जैन, आनंद खत्री, प्रेमनारायण गौड़ एवं राजेश मेहता आदि मौजूद थे।

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