RGPV में CBCS प्रणाली बंद, ग्रेडिंग सिस्टम लागू

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को समाप्त कर दिया गया है। अब विश्वविद्यालय में पहले से प्रचलित व्यवस्था च्वॉइस बेस्ड ग्रेडिंग सिस्टम को यथावत रखा जाएगा। इसी के साथ यहां के अधिकारियों की शक्ति भी बढ़ाई गई हैं। गुरुवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया। 

बैठक में तय हुआ कि सीबीसीएस प्रणाली में सुधार की जरूरत है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने संबंधित पक्ष जैसे शिक्षक, छात्र, संबद्ध कॉलेजों के प्रबंधन आदि से भी फीडबैक लिया था। जो फीडबैक मिला उसमें सीबीसीएस प्रणाली में छात्रों को विषय की च्वॉइस, प्रति सेमेस्टर के क्रेडिट्स और उत्तीर्ण प्रतिशत के बारे में इस प्रणाली में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसलिए इसे बंद किए जाने का निर्णय लिया गया।

कार्यपरिषद ने सीबीसीएस को बंद करते हुए वर्ष 2017-18 से प्रवेशित छात्रों पर ग्रेडिंग प्रणाली लागू किए जाने का फैसला लिया गया। इसी के साथ सीबीसीएस प्रणाली की कमियों को दूर करते हुए इसका विस्तार से अध्ययन करने के बाद भविष्य में इसे लागू करने के बारे में विचार करने पर सहमति दी गई।

अधिकारियों के बढ़ाए अधिकार
बैठक में विवि के अधिकारी जैसे रजिस्ट्रार, रेक्टर, विभिन्न विभागों के प्रमुख और डायरेक्टर यूआईटी के अधिकारों को बढ़ाने पर भी निर्णय लिया गया। इसके तहत कुलपति के अधिकारों को विकेंद्रित कर अधिकारियों की शक्ति बढ़ाई गई। ऐसे में विवि के कामों में तेजी आएगी और अधिकारी अपने स्तर पर फैसले ले सकेंगे। इसके तहत हर काम के लिए कुलपति की सहमति की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इसमें वित्त अधिकार भी शामिल हैं।

राज्य शासन के अनुसार मिलेगी चाइल्ड केयर लीव
विवि में अब तक महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव कुलपति की अनुमति से तीन माह की मिलती थी। कुलपति तीन महीने के लिए ही चाइल्ड केयर लीव प्रदान कर सकता था। कार्यपरिषद में तय हुआ कि विवि में कार्यरत महिला शिक्षकों और कर्मचारियों को राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और नियमों के अंतर्गत उक्त अवकाश प्रदान किया जाए। इसी के साथ छात्राओं की मांग को देखते हुए महिला चिकित्सक की नियुक्ति के लिए भी कार्यपरिषद ने स्वीकृति प्रदान की। बैठक आरजीपीवी की प्रभारी कुलपति कल्पना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई।

शोध को बढ़ावा देने होगा एमओयू
विवि में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के उद्देश्य से भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के साथ एमओयू करने की स्वीकृति दी गई। इसी तरह एप्को से भी एमओयू की सहमति बनी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की कॅरियर संवर्धन योजना के अंतर्गत विवि के शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए संबंधित विषय के विशेषज्ञों की पैनल का अनुमोदन किया गया।

बैठक में ये भी हुआ
वर्तमान तिमाही में (जनवरी से मार्च) तक 17 सफल शोधकर्ताओं को पीएचडी की उपाधि के लिए अधिसूचना जारी होगी।
शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए विवि के अकादमिक कैलेंडर का अनुमोदन हुआ।
निगम निगम के माध्यम से अमृत पेयजल योजना के अंतर्गत बल्क कनेक्शन प्राप्त करने के लिए 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई।
वित्त समिति ने 2017-18 के बजट अनुमान की स्वीकृति दी।

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