जेटली जी, शिवराज सिंह का मंत्री कालाधन वाला निकला, देशभक्त हो तो जांच कराओ

प्रति,
श्री अरूण जेटली,
वित्त मंत्री, भारत सरकार. 
नई दिल्ली।
मान्यवर,
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आठ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचारियों द्वारा देश भर में काले धन को सफेद करने का खेल जमकर चला है। भाजपा के शासन वाले मध्यप्रदेश में भी इस तरह का गोरखधंधा जमकर फला और फूला है। इस तरह के अनेक प्रमाण सामने आये हैं। मैं, आपका ध्यान कटनी जिले में पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आये 500 करोड़ रूपयों से ज्यादा के ऐसे ही घोटाले की ओर आकर्षित करवा रहा हूं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि नोटबंदी के बाद कटनी में पुराने नोटों की अदला-बदली का बड़ा घोटाला हुआ। पुलिस की जांच में कई प्रभावशाली दागदार चेहरे सामने आ गये। फर्जी नामों से बैंकों में किस तरह से खाते खोले गये? कैसे हवाला हुआ? कौन-कौन से बैंक और अधिकारी खेल में लिप्त रहे? यह सब सामने आया।

मान्यवर, पूरा घोटाला सामने आया कटनी के ईमानदार और दबंग पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी की निष्पक्ष जांच और तमाम दबाव से परे होकर की गई कार्रवाई से। जांच में यह भी प्रमाण मिल गये हैं कि इस पूरे काले कारनामें के पीछे आपकी पार्टी में भाजपा सरकार के बेहद ईमानदार मुख्यमंत्रियों में गिने जाने वाले श्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट के एक सदस्य शामिल हैं। जेटली जी, एसपी श्री गौरव तिवारी पर कटनी के स्थानीय नेताओं के अलावा फंस रहे मंत्री और सरकार में बैठे बड़े चेहरे जांच को रफा-दफा करने का भारी दबाव लगातार बनाया गया। एसपी नहीं मानें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सोमवार को एसपी का तबादला कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह रही कि छह महीने पहले ही इस अधिकारी को कटनी में पदस्थ किया गया था। 

हटाये गये एसपी को बड़े जिले छिंदवाड़ा जिला सौंपा गया है। सीधी भर्ती वाले आईपीएस को हटाकर एक प्रमोटी अफसर को कटनी जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हटाये गये एसपी ने सरकार को संकेत दिये थे कि घोटाला 500 करोड़ रूपयों तक सीमित नहीं है। हजारों करोड़ का खेल होने के संकेत भी उन्होंने अपनी गोपनीय सूचनाओं में सरकार को दिये थे। शिवराज सरकार ने निष्पक्ष जांच को आगे बढ़ाने और लिप्त बड़े चेहरों को उजागर करने की आजादी देने की बजाय एसपी को हटाकर अपनी मंशा को उजागर कर दिया है। यह साफ हो चुका है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की मंशा भ्रष्टाचार को उजागर करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बिलकुल नहीं है।

आपसे विनम्र अनुरोध है कि कटनी के इस बेहद गंभीर मामले की जांच वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली किसी प्रमुख एजेंसी से कराने का आदेश देकर न केवल कटनी बल्कि मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में सहकारी बैंकों और इन बैंकों के अफसरों की मिली भगत से हुए अरबों के गड़बड़झालों की जांच भी करायें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और अन्य बड़े शहरों में सहकारी बैंकों के माध्यम से सरकार में बैठे लोगों ने गलत तरीकों से अपने पुराने नोट बदलवाये हैं, इसकी शिकायतें लगातार हो रही हैं।
सधन्यवाद।
अरूण यादव
अध्यक्ष
मप्र कांग्रेस कमेटी, भोपाल 

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