जिस मस्जिद में मोदी गए थे, पढ़िए उसकी 7 खास बातें

अबू धाबी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 17 महीनें से पहले सऊदी अरब अमीरात की सबसे बड़ी मस्जिद में गए थे। यह मजिस्‍द दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार है। जानिए उस मजिस्‍द के बारे में वो सात बातें जो उसे खास बनाती हैं। साथ ही करती है उसे औरों से जुदा। इस मस्जिद की खासियत इसकी वास्‍तुकला है। इस मस्जिद को बनने में 11 साल का समय लग गया था।

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद
पूरी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद शेख जायद ग्रैंड है। यह सयुंक्‍त राज्य अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बनी है। शेख जायद ग्रैंड मस्जिद को बनाने की पहल स्वर्गीय शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहायान ने की थी। जो चाहते थे कि एक ऐसी इमारत बने जिसकी पहचान सांस्कृतिक तौर पर इस्लामिक देशों में भी बने। वो चाहते थे कि इस इमारत के आर्किटेक्चर में आधुनिक मूल्यों को बताया जा सके।

11 साल में बनकर हुई तैयार
सऊदी अरब अमीरात में शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का निर्माण कार्य वर्ष 1996 में शुरु हुआ था। इस मस्जिद के निर्माण मे 11 साल का वक्त लगा था और ये वर्ष 2007 में बनकर तैयार हो गई थी। सयुंक्त अरब अमीरात में यह सबसे बड़ी मस्जिद शेख जायद ग्रैंड है। यह मस्जिद 30 एकड़ जमीन में बनकर तैयार हुई है। इस मस्जिद में लोगों के लिए पार्किंग की सुविधा भी उपलब्‍ध है।

40,000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते
इस मस्जिद में 40,000 लोग एक साथ बैठकर नमाज पढ़ सकते हैं। शुक्रवार को पूरी मस्जिद में हजारों लोग नमाज पढ़ने इकट्ठा होते हैं। शेख जायद ग्रैंड मजिस्द सेंटर का ऑफिस भी इस मस्जिद में है जोकि पूर्वी मीनार के पास स्थित है।

टूरिस्‍ट प्‍लेस के रुप में किया जा रहा प्रमोट
यह मजिस्‍द एक टूरिस्‍ट प्‍लेस भी है। हर दिन मस्जिद सुबह 11 बजे से शाम को 5 बजे तक खुलती है। इस दौरान पयर्टक यहां भ्रमण करने के लिए आते हैं। शुक्रवार के दिन पर्यटकों के लिए यह मस्जिद बंद रहती है। शेख जायद ग्रैंड मस्जिद में लोगों के लिए एजुकेशनल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। इस मस्जिद के उत्तरी-पूर्व में एक लाइब्रेरी है। इस लाइब्रेरी में कई क्लासिक्ल बुक भी हैं। इस लाइब्रेरी में विज्ञान, सभ्यता, कला, सिक्के और अन्य विषयों पर 200 साल पुरानी किताबें भी शामिल हैं।

कई भाषाओं में है किताबों का संग्रह
यहां पर अरबी, अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन और कोरियन भाषाओं में भी किताबों का संग्रह है। शेख जायद ग्रैंड मस्जिद को इटली, जर्मनी, मोरक्को, पाकिस्तान, टर्की, मलेशिया, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, ग्रीस और संयुक्त अरब अमीरात के कलाकारों और वहां के समान से इसको तैयार किया गया है।

3000 कर्मचारियों और 38 कंपनियों ने मिलकर बनाया
करीब 3000 कर्मचारियों और 38 प्रख्यात कंपनियों ने मिलकर इस शानदार मस्जिद को मिलकर बना दिया है। इस मस्जिद को बनाने में मार्बल, पत्‍थर, सोने और कई बहुमूल्य पत्‍थरों से इसको तैयार किया गया है। इस मस्जिद को बनाने का श्रेय इटेलियन कंपनी इंप्रीगिलो को जाता है। शेख जायद मस्जिद की डिजाइन पर्सियन, मुगल और मोरिस मस्जिदों से प्रभावित है।

1500 महिलाओं के नमाज पढ़ने की है व्‍यवस्‍था
इस मस्जिद के डिजायन को मोरक्को और लाहौर की मस्जिद से प्रभावित भी बताया जाता है। इस मस्जिद के मुख्य हाल में 7000 लोग बैठकर एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं। इसमें दो छोटे प्रार्थना स्‍थल भी मौजूद हैं। 1500 महिलाएं भी एक हॉल में बैठकर यह प्रार्थना कर सकती हैं। इस मस्जिद की चार कोने पर स्थित मीनारों की ऊंचाई 107 मीटर है।

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