शहडोल चुनाव: बेसहारा हुईं हिमाद्री, ज्ञान सिंह गुटबाजी का शिकार

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता लोकसभा उपचुनाव को हल्के से लेते हुए प्रत्याशी हिमाद्री सिंह को बेसहारा कर अपने-अपने महलों में वापस चले जाते हैं। जिसके चलते उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को वैतरिणी पार होना मुश्किल साबित हो रहा है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा संगठन एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं व सामाजिक संगठनों द्वारा शहडोल संसदीय क्षेत्र के शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ कटनी जिले के बडवारा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में कार्य कर संगठन को बेहतर मजबूत करने में लगे हैं। लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के गुटबाजी के चलते भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह को भारी संघर्ष करना पड रहा है। 

कांग्रेस प्रत्याशी है बेसहारा
राहुल गांधी के सामने मार्केटिंग के बाद हिमाद्री के नाम का टिकट तो मिल गया लेकिन अब हालत पतली है। जब जब दिग्गज नेता आते हैं, कांग्रेसियों की दिग्गज परिक्रमा शुरू हो जाती है। नेताओं के जाते ही सब गायब हो जाते हैं। हिमाद्री के साथ डोर डोर जनसंपर्क के लिए कोई स्थानीय बड़ा नेता साथ नहीं आ रहा। 

चरम पर है भाजपा में गुटबाजी
जिले के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा, पुष्पराजगढ़ में भाजपा के अंदर अंतरकलह मचा हुआ है। आपसी खींच-तान के चलते पार्टी एवं प्रत्याशी ज्ञान सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

भोपाल का कैबिनेट शहडोल में
संसदीय क्षेत्र शहडोल के उपचुनाव में भाजपा को विजयश्री दिलाने के लिए संगठन के दिग्गज पदाधिकारी एवं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, नरेंद्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश शासन के मंत्री भूपेंद्र सिंह, ओमप्रकाश धुर्वे, संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ला, रामपाल सिंह, सांसद गणेश पटेल विगत दिनों से संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्र एवं मण्डल स्तरों में जाकर बैठक कर रहे हैं और भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह को विजय दिलाने की अपील कर रहे हैं।

'माई का लाल' का मुकाबला भाजपा से 
विगत दिनों आरक्षण को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उत्तेजित होकर बयान दिये थे कि आरक्षण को खत्म करने वाला है कोई माई का लाल जो आरक्षण खत्म कर दे, इस वक्तव्य का इतना विरोध हुआ कि शहडोल लोकसभा उपचुनाव में भाजपा का मुकाबला है कोई माई का लाल से होने की संभावना मानी जा रही है।

मतदाता साधे हैं चुप्पी
कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री सिंह के चुनाव मैदान में उतर जाने से भाजपा का पूरा खेल बिगडते दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने मध्यप्रदेश शासन के मंत्री ज्ञान सिंह को चुनाव में उतार दी है। इनके प्रत्याशी बनने से संसदीय क्षेत्र के मतदाता चुप्पी साधे बैठे हैं, आखिर राज क्या है? २२ नवंबर को ही मालूम पड सकेगा।

जिले में है कांग्रेस का कब्जा
अगर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत जिले की ओर देखें तो विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ एवं कोतमा में कांग्रेस विधायकों का कब्जा बना हुआ है। कहीं न कहीं भाजपा के गुटबाजी की मुख्य देन है।

भाजपा का कर रहे विरोध
हिमाद्री सिंह के प्रचारक पूरे संसदीय क्षेत्र अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव पहुंचकर अपना डेरा जमाए हैं और भाजपा शासन का विरोध जता रहे हैं। वहीं स्थानीय भाजपा नेता कुंभकरणीय नींद में सो रहे हैं। लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह के पक्ष में कार्य करने वाले कुछ ही गिने-चुने लोग हैं जो तन-मन-धन एवं लगन से अपने आप को प्रत्याशी मानकर कार्य कर रहे हैं। 

प्रभारी मंत्री की उदासीनता अब पड रही भारी
भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह विगत दो वर्षों तक अनूपपुर जिले के प्रभारी मंत्री भी रह चुके हैं। लोगों का मानना है कि जब से  जिले का गठन हुआ तो सबसे अधिक उदासीन प्रभारी मंत्री श्री सिंह साबित हुए हैं। इनके कार्यकाल में गिने-चुने नेता एवं इनके इशारे पर कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी खास बने रह गए। अब प्रभारी मंत्री की उदासीन कार्यशैली पार्टी पर भारी पडती दिख रही है।

सामान्य वर्ग का मतदाता होगा निर्णायक
भाजपा शासन में सत्ता एवं संगठन द्वारा सामान्य वर्ग की जितनी अधिक उपेक्षा की गई है वह सोचा भी नहीं जा सकता। शहडोल संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में सामान्य वर्ग के मतदाताओं का निर्णय भाजपा के लिए आश्चर्यजनक हो सकता है वहीं अधिकारी-कर्मचारी एवं अन्य व्यापारियों में भी शासन के सिद्धांतों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है।

भाजपा ने हार के डर से झोंकी ताकत
विगत दिनों हुए लोकसभा उपचुनाव झाबुआ में भाजपा को करारी हार का सामना करना पडा था, उसे गंभीरता से लेते हुए भाजपा पूरी ताकत शहडोल संसदीय क्षेत्र में लगा दी है। पार्टी के बडे नेता अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर एक से बढकर एक दिग्गज नेताओं को तैनात कर दिए हैं। उनके इशारे एवं आदेशों पर स्थानीय कार्यकर्ताओं को ड्यूटी बजानी पड रही है।

आखिर क्यों हो रहे हैं मुख्यमंत्री के इतने दौरे?
कांग्रेसी और अन्य विपक्षी दल इसे लेकर चुटकी ले रहे हैं कि 13 वर्ष की भाजपा शासन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग ११ वर्ष से प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं। इनके द्वारा लगभग ५० योजनाएं संचालित कर हितग्राहियों को सीधा लाभ दिया जा रहा है फिर भी उपचुनाव में मुख्यमंत्री को लगातार सभाएं कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 

संगठन के पदाधिकारी जिम्मेदारी से मोड रहे मुंह
भारतीय जनता पार्टी जिले एवं मण्डल स्तर व विधानसभा क्षेत्र के कई जिम्मेदार पदाधिकारी मुंह मोड कर कार्य कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि कई भाजपा नेता सिर्फ बडे नेताओं की चम्मच गिरी एवं चाटुकारिता करने में लगे हैं और अपना स्वयं की चिंता कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लोकसभा उपचुनाव शहडोल में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच जोरों पर घमाशान मचा हुआ है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी दोनों राजनीतिक दलों को प्रभावित कर रही है।

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