अस्पताल ने केंद्रीय मंत्री से भी नहीं लिए पुराने 500 के नोट

नई दिल्ली। नोटबंदी की वजह से केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। वो अपने मृत भाई के अस्‍पताल का बिल पुरानी करेंसी में नहीं चुका पाए। सदानंद गौड़ा के भाई भास्कर गौड़ा का मंगलवार को मंगलौर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें करीब 10 दिन पहले जॉन्डिस की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सदानंद गौड़ा को जब पता चला तो वो फौरन अस्पताल पहुंचे और उन्‍होंने बकाया बिल का भुगतान पुरानी करेंसी से करना चाहा लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया। ऐसे में केंद्रीय मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन से लिखित में उन्होंने जानकारी मांगी है कि क्यों पुरानी करेंसी लेने से उन्होंने मना किया। गौड़ा का मानना है कि ऐसा करने से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी। हालांकि बाद में अस्पताल प्रशासन ने चेक के जरिए बिल की रकम ले ली।

बता दें कि 24 तारीख तक सिर्फ सरकारी अस्पतालों को ही पुरानी करेंसी लेने का आदेश दिया गया है। निजी अस्पतालों को नहीं, पर शायद केंद्रीय मंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि 24 नवंबर तक ट्रीटमेंट के लिए सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में पुराने नोट लिए जा सकते हैं। अगर अस्पताल इन रुपयों को स्वीकार नहीं करेंगे तो यहां इलाज करवाने आए सभी मरीजों को कितनी परेशानी होगी मैं ये महसूस कर सकता हूं। मुझे लगता है कि अस्पताल ने जो किया वो ठीक नहीं है। मैंने उनसे लिख कर देने को कहा है कि वे पुराने नोट नहीं लेंगे। उनसे लिखित में मिल जाने के बाद मैं अगली कार्रवाई के बारे में विचार करूंगा।
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