कर्मचारियों के सम्मान की रक्षा के लिए शासकीय सेवक सम्मान सुरक्षा मंच

भोपाल। मध्यप्रदेश में कुल 87 कर्मचारी संगठन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 19 मान्यता प्राप्त, बाकी मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में भी 23 संगठन हैं। बावजूद इसके कर्मचारियों को अपने सम्मान की रक्षा के लिए एक नया संगठन बनाना पड़ा। नाम रखा है 'शासकीय सेवक सम्मान सुरक्षा मंच'

यह मंच अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ नेताओं और अन्य लोगों के दुर्व्यवहार पर फोकस करेगा। इसका उदय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा पुष्पराजगढ़ में तहसीलदार, बिजली इंजीनियर और बैंक मैनेजर के साथ की गई गाली गलौच और अभद्रता के खिलाफ हुआ है क्योंकि कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल का ऐलान कर एन मौके पर उसे वापस ले लिया था। जबकि मंत्री ने ना तो इसके प्रति अफसोस जताया और ना ही सीएम शिवराज सिंह ने ही मंत्री की इस हरकत को गलत ठहराया। इससे आंदोलित कर्मचारी खफा हैं। 

संगठन की जरूरत क्यों पड़ी
ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सभी को एकजुट होना जरूरी है। इसी वजह से संगठन की जरूरत पड़ी। सरकार को प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना चाहिए। 
अशोक शर्मा, अध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी संघ 

अधिकारी-कर्मचारी डरने लगे हैं। उन्हें सुरक्षा की दरकार है। कभी भी कोई जन प्रतिनिधि, पदाधिकारी या असामाजिक तत्व इन्हें टारगेट बना देता है। सरकार को इस मामले में सख्त रवैया अपनाना पड़ेगा। 
वीरेंद्र खोंगल, प्रदेशाध्यक्ष मप्र कर्मचारी कांग्रेस 

अब तक 15 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। सरकार की छवि भी बिगड़ती है। प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर उसे जल्द लागू करना होगा। 
भुवनेश पटेल, संरक्षक मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 
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