हमारे हर प्रयास को गलत रूप में देखा जा रहा है: मोदी

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कांग्रेस ने जितनी परेशानियां झेली होंगी, भाजपा को आजाद भारत में उससे कहीं अधिक दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि भाजपा के हर प्रयास को ‘गलत रूप में देखा जा रहा है।’ प्रधानमंत्री ने दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा के नए मुख्यालय की आधारशिला रखने के दौरान कहा कि भाजपा ने किसी भी अन्य दल से अधिक बलिदान दिया है। देश की ताकत बढ़ने के साथ ही पृथकतावादी ताकतें अधिक सक्रिय हो गई हैं। लिहाजा यह सुनिश्चित करना अधिक जरूरी हो गया है कि समाज को मजबूत किया जाए और अधिक समरसता बढ़े।

पार्टी प्रमुख अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली तथा अन्य नेताओं की मौजूदगी में मोदी ने कहा, ‘ब्रिटिश शासनकाल में भी कांग्रेस ने इतनी मुश्किलों का सामना नहीं किया होगा जितनी मुश्किलों का सामना हमारे समर्पित कार्यकर्ताओं ने 50-60 साल में किया है।’ उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान एक भाजपा उम्मीदवार के लिए कोलकाता में कार्यालय तक किराए पर लेना मुश्किल था क्योंकि उन्हें जगह देने के इच्छुक व्यक्ति को मुश्किलें झेलनी पड़तीं। आजादी के बाद किसी पार्टी ने हमसे ( भाजपा से) अधिक बलिदान नहीं दिए होंगे। सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गए क्योंकि वे उस समय चलन में रही विचारधारा से जुड़े हुए नहीं थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भाजपा का पूर्व संगठन जनसंघ 1969 में मध्य प्रदेश में सत्ता में आया तो वैश्विक शोध संगठनों ने जनसंघ पर अध्ययन शुरू कर दिया। जब वाजपेयी जी की सरकार बनी तो विश्व फिर से चकित रह गया कि हमने कितनी प्रगति कर ली है। उन्होंने लोगों से हमारे बारे में जानने का प्रयास किया और इसलिए वे कभी हमें सही से नहीं जान पाए। विश्व की जिज्ञासा अब फिर से उभरी है। पार्टी के नेताओं से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में फोटोग्राफ जैसी रिकार्डिड सामग्री के अभाव के बारे में उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि संगठन की गतिविधियों से जुड़ी हर बात को रिकार्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी और राजनीतिक दल के चुनाव उम्मीदवारों की जमानत इतनी अधिक जब्त नहीं हुई होगी जितनी भाजपा के उम्मीदवारों की जब्त हुई क्योंकि वे परिणामों की परवाह किए बिना अपनी विचारधारा के लिए लड़ते रहे।

विचारधारा के प्रति पार्टी नेताओं की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों ने निश्चित रूप से सोचा होगा कि यदि एलके आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी या मुरली मनोहर जोशी जैसे लोग उनके साथ शामिल हो जाएं तो उनके लिए अच्छा रहेगा लेकिन इन नेताओं ने अपने आदर्शों के लिए जीने का फैसला किया। भाजपा किसी नेता, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के कारण नहीं बढ़ी है बल्कि यह इसके लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं के कारण आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दो एकड़ में फैला नया कार्यालय राजनीतिक हितों नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पित होगा। इस कार्यालय का निर्माण केवल एक इमारत का निर्माण नहीं है बल्कि इसमें से पार्टी कार्यकर्ताओं के पसीने की महक आएगी।

केंद्रीय कार्यालय के भूमिपूजन कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्यापक लोकप्रियता, संगठन की शक्ति और पार्टी की विचारधारा का ही परिणाम है कि आज लोगों के अपार जन समर्थन से केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार के अलावा देश के 12राज्यों में हमारी सरकारें हैं। 10 सदस्यों के साथ शुरू हुई पार्टी लगभग 11 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। आज भाजपा का जो वैभव है, वह केवल कुछ सालों के संघर्ष से प्राप्त नहीं हुआ है बल्कि यह कई ओजस्वी नेताओं और हजारों नाम-अनाम कार्यकर्ताओं के त्याग और बलिदान से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी की मूल विचारधारा और सिद्धांतों पर चलते हुए हमें समय के साथ अपनी कार्यशैली में बदलाव करना होगा।’ वर्ष 1950 से 2016 तक की हमारी यात्रा भले ही त्याग, बलिदान, संघर्षों और कठिन परिश्रम की यात्रा रही हो, पर हमें आज इस बात की खुशी है कि देश को आगे ले जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी जरिया बनती हुई दिखाई दे रही है।

वर्तमान में भाजपा के 1000 से अधिक विधायक, 300 से ज्यादा सांसद हैं, इतना ही नहीं 30 सालों बाद पहली बार केंद्र में एक गैर-कांग्रेसी पूर्ण बहुमत की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास और दलित, पिछड़े, गरीब, किसान और युवाओं की भलाई के लिए काम कर रही है। आज भाजपा का जो वैभव है, वह केवल कुछ सालों के संघर्ष से प्राप्त नहीं हुआ है बल्कि यह 1950 से 2016 तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, कुशाभाऊ ठाकरे, नानाजी देशमुख जैसे कई ओजस्वी नेताओं और हजारों नाम-अनाम कार्यकर्ताओं के त्याग और बलिदान से प्राप्त हुआ है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्यापक लोकप्रियता, संगठन की शक्ति और पार्टी की विचारधारा एवं लोगों के अपार जन-समर्थन के कारण ही केंद्र में सरकार बनने के दो साल बाद भी सरकार की लोकप्रियता ठीक वैसी ही है, जैसी 2014 में सरकार बनते वक्त थी। पार्टी ने निर्णय लिया कि देश के सभी 525 संगठनात्मक जिलों में पार्टी का अपना सभी सुविधाओं से सुसज्जित अत्याधुनिक कार्यालय होना चाहिए। इसमें से 250 से ज्यादा जिलों में कार्यालय के लिए भूमि खरीदी जा चुकी है। पार्टी की मूल विचारधारा और सिद्धांतों पर चलते हुए हमें समय के साथ अपनी कार्यशैली में बदलाव करना होगा, हमें अपने-आपको तकनीक से जोड़ना होगा। हर जिले के कार्यालय की रचना ऐसे की जाएगी कि कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा होगी। साथ-साथ पार्टी के इतिहास और दर्शन की जानकारी भी उपलब्ध होगी।

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