मोदी के नए फंडिंग पैटर्न से मप्र मालामाल

भोपाल। मोदी सरकार के नए फंडिंग पैटर्न से भले ही कुछ राज्यों को भारी नुक्सान हुआ हो परंतु मप्र और उसका साथी राज्य छत्तीसगढ़ मालामाल हो गए। उन्हें पहले से 27 प्रतिशत ज्यादा पैसा मिला। 2014-15 में मप्र को दिल्ली से मात्र 42808 करोड़ मिले थे परंतु 2015-16 में मोदी सरकार ने 54288 करोड़ दिए। मप्र को 11480 करोड़ की अतिरिक्त मदद मिली। ताज्जुब इस बात का है कि इसके बाद भी मप्र के खजाने खाली पड़े हुए हैं। 

शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में भी दिया खूब पैसा
केंद्र के नए फंडिंग पैटर्न से मप्र को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा को विस्तार देने के लिए खूब पैसा मिला है। देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में यह राशि पिछले सालों की तुलना में ज्यादा है। इनमें मप्र भी शामिल है। बाकी राज्यों में भी केंद्र से मिलने वाली राशि औसत से ज्यादा रही है। आश्चर्यजनक यह है कि इसके बावजूद मप्र की चिकित्सा सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ और शिक्षा का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। 

किसे कितनी केंद्रीय मदद मिली
राज्य/वित्तीय वर्ष 2014-15/वित्तीय वर्ष 2015-16
मध्य प्रदेश 42808 करोड़/54288 करोड़
छत्तीसगढ़ 17123 करोड़/21813 करोड़
हिमाचल प्रदेश 9930 करोड़/14623 करोड़
त्रिपुरा 7447 करोड़/ 7155 करोड़
उत्तराखंड 10474 करोड़/ 9121 करोड़

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