
बिल में मरीजों को अधिकार दिया गया है कि वे इलाज बंद करने के लिए डॉक्टरों से कह सकें और प्राकृतिक मौत मर सकें। टर्मिनली इल पेशेंट्स (प्रोटेक्शन ऑफ पेशेंट्स एंड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स) बिल के मसौदे पर ईमेल के जरिए 19 जून तक लोग अपनी राय दे सकते हैंं।
मसौदे में इलाज बंद करने को लेकर मरीजों और डॉक्टरों के अधिकारों के बारे में लिखा गया है। हालांकि यह प्रावधान भी किया गया है कि इलाज बंद करने के बाद दर्द न हो, इसकी दवाएं चलती रहेंगी।
खासबात यह है कि इस कानून पर आगे बढ़ने से पहले सरकार देश की जनता और विशेषज्ञों की राय चाहती है। भोपाल समाचार की मान्यता है कि ऐसे विषयों पर सरकार को अपनी राय से अवगत कराया जाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लोग अपने विचार एवं तर्क प्रस्तुत करेंगे तो सरकार सही नतीजों तक पहुंच पाएगी।
कृपया अपनी प्रतिक्रियाएं, विचार, तथ्य एवं तर्क नीचे दिए कमेंट बॉक्स में दर्ज कराएं। अपनी राय के नीचे कृपया अपना नाम, ईमेल एवं संपर्क नंबर अवश्य लिखें। हम उसे सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे।