उत्तरप्रदेश। बुलंदशहर में समाजवादी पार्टी के नेता और कैलावन के पूर्व प्रधान संजय शर्मा और उनके एक साथी पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि ससुराल से विवाद का समझौता कराने गयी युवती के साथ सपा नेता और उसके एक साथी ने गैंगरेप किया और थाने में अपने रसूखों के चलते केस दर्ज नहीं होने दिया. मामला तब सामने आया जब पीड़ित युवती साढ़े चार महीने की गर्भवती हो गई.
अदालत में बयान दर्ज कराने आयी पीड़िता ने संवाददाताओं को बताया कि 10 महीने पहले अपने पति से तकरार के बाद वह अपने मायके आ गई थी. युवती के पिता ने ससुरालियों से समझौता के लिए गांव के प्रधान और समाजवादी पार्टी के नेता संजय शर्मा से गुहार की. मदद के आसरे की तलाश में आई युवती से संजय शर्मा ने उसी के घर में घुसकर बलात्कार किया.
इतना ही नहीं, दूसरी बार अपने साथी के साथ मिलकर युवती का बलात्कार किया और उसे धमकी दी कि अगर जुबान खोली तो मौत समझो. वारदात के बाद जब युवती गर्भवती हो गई तो उसके मायकेवालों ने उसके पति से उसकी समझौता कराकर उसे ससुराल भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि ससुराल में जब उसकी तबियत बिगड़ी तो पति ने डॉक्टर के कहने पर उसका अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराया. टेस्ट के मुताबिक पीड़िता 5 महीने की गर्भवती थी जबकि पति का घर छोड़े उसे 10 महीने हो चुके थे.
पति ने जब कड़ाई से पूछा तो पीड़िता ने उसे अपनी आपबीती सुनाई. इस मामले में पीड़ित दंपति पुलिस की चौखट पर भी गये, लेकिन सपा नेता के सियासी रसूखों के तले दबी पुलिस ने उनका केस ही दर्ज नही किया. कोर्ट की शरण लेने के बाद अदालत के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू की है.
पीड़िता ने बताया कि पुलिस को अपने मेडीकल टेस्ट की रिपोर्ट के अलावा प्रेगनेंसी रिपोर्ट भी दी है. पीड़िता का आरोप है कि सपा नेता अभी भी उसके ससुराल और मायके वालों को जान से मारने की धमकी दे रहा है. ये शायद सपा नेता के रसूखों का ही असर है कि पुलिस उस पर हाथ डालने से अभी भी बच रही है.
एसपी देहात पंकज पांडेय ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज होने के बाद पीड़िता का मेडीकल कराया गया है. इस मामले में कोर्ट में पीड़िता के बयानों का अवलोकन करके विधिसम्मत् कार्रवाई की जायेगी.