नई दिल्ली। दिल्ली इन दिनों डेंगू की राजधानी बन गया है। अब तक के सारे रिकार्ड टूट गए हैं। 10 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अब स्वास्थय विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं कि आखिर यह इतना कैसे फैल गया।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले डेंगू ने 10,000 का आंकड़ा 1996 में पार किया था. 1996 में राजधानी में डेंगू के 10252 मामलों की पुष्टि हुई थी। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के शहर गाजियाबाद और हरियाणा के गुड़गांव और फरीदाबाद में कुल मिलाकर डेंगू के 646 मामले सामने आए हैं।
दिल्ली नगर निगम के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते एक हफ्ते में 3077 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू से आधिकारिक रूप से 30 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है. लेकिन, गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल डेंगू की वजह से 85 मरीजों की मौत हो चुकी है।
अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक डेंगू से रविवार को एक किशोर और एक 41 साल के आदमी की मौत हो गई।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ए.के.गढ़पहिले ने आईएएनएस से कहा, "हमारे अस्पताल में बुखार के मामले अधिक आ रहे हैं. इस मामले पर करीबी निगाह रखी जानी चाहिए. अगस्त के मध्य में बीमारी के मामले कम हो गए थे लेकिन अब फिर बढ़ने लगे हैं। उन्होंने कहा, "ठंड बढ़ने के साथ डेंगू के मामले अपने आप कम हो जाएंगे."
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, "डेंगू अब बेकाबू लग रहा है। इस साल जितने मामले सामने आए हैं उसे देखते हुए यह साफ है कि नागरिक प्रशासन छिड़काव जैसे आसान उपायों पर ही अब निर्भर नहीं रह सकता. यह बीमारी हर मानसून के मौसम की नियमित समस्या बन चुकी है।