कर्मचारियों के साथ धोखा है फाईव-डे-वीक: विरोध शुरू

भोपाल। मप्र सरकार द्वारा किये जा रहे फाईवे डे वीक का विरोध मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के द्वारा किया गया है। महासंघ सोमवार को इसके विरोध में मुख्य सचिव को ज्ञापन सौपेंगा। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सुबह 9 बजे से शाम साढ़े छः बजे तक कार्यालय लगने से सरकार वर्तमान दिनों से चार दिन अतिरिक्त काम करवायेगी।

वर्तमान परिस्थति में यदि महीना 30 दिन का माना जाये तो 5 रविवार 2 शनिवार को 30 में से घटा दिया जाए तो कर्मचारियों से 23 दिन काम लिया जाता है, प्रतिदिन काम के 7 घंटे होते हैं इससे महीने में 23 दिन और 7 घंटे के हिसाब से कर्मचारी 161 घंटे काम करता है।

फाईव डे वीक में 5 रवीवार और 4 शनिवार के हिसाब से महीने के 30 दिनों में कर्मचारियों को 9 दिन अवकाश मिलेगा 21 दिन काम करने पढ़ेंगें। काम घंटे सुबह साढ़े 9 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक 9 घंटे काम लिया जायेगा तो 21 दिन में 9 घंटे काम करने से 189 घंटे होते हैं।

वर्तमान 189 घंटे में से यदि वर्तमान समय जो चल रहा है उसमें 161 घंटे काम हो रहा है उस घटा दिया जाए तो 28 घंटे ज्यादा काम कर्मचारियों को करना पढ़ेगा।

28 घंटे यानी वर्तमान में कर्मचारी 7 घंटे के हिसाब से काम करता है तो 7 चैक 28 याने चार दिन कर्मचारियों को ज्यादा काम करना पढ़ेगा। फाईव डे वीक से कर्मचारियों को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना कर्मचारियों को करना पढ़ेगा। ठंड के मौसम में शाम को 5 बजे ही रात हो जाती है।

महिला कर्मचारियों को अपने परिवार का लालन-पालन और पारिवारिक अन्य दायित्वों का ध्यान रखना पढ़ता है। उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भी तैयार करके भेजना पढ़ता है। परिवार के सदस्यों का खाना-पीना बनाना पढ़ता है। फाईव डे वीक से उन्हें सुबह 4 बजे उठना पढ़ेगा और देर रात घर पहुंचना पढ़ेगा। फाईव डे वीक में कर्मचारियों से वर्तमान काम से 4 दिन ज्यादा काम करवाया जायेगा।

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