भोपाल। प्रदेश में कुपोषण दूर करना हमारी पहली पहली प्राथमिकता है। इस मामले में समुदाय का अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कही।
उन्होंने कन्या छात्रावास के संचालन पर अप्रसन्न्ता जाहिर करते हुए कहा कि इसका सरकारी करण नहीं किया जाए। बालिकाओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए छात्रावासों का संचालन पीपीपी मोड पर निजी हाथों में दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई बच्चा भीख नहीं मांगे। अनाथ बच्चों के पुनर्वास के लिए जिला कलेक्टर, स्थानीय निकाय, महिला-बाल विकास और सामाजिक न्याय विभाग मिलकर संयुक्त विशेष अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि विभाग की योजनाओं का मैदान में कितनों को लाभ मिला है, इसकी क्रॉस चैकिंग जरूर की जाए।
उन्होंने आंगनबाड़ी में डे केयर सेंटरों को भी जरूरत के मुताबिक बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने ई-लाड़ली योजना का शुभारंभ नन्हीं बालिका ऐश्वर्या जगनानी को एक लाख 18 हजार रुपए के पहले प्रमाण-पत्र देकर किया। साथ ही एवाइजा खान, दिव्यांशी वाधवानी, नंदनी कुशवाह और ललिता माली को भी प्रमाण पत्र भेंट किए।