सुपर 30 को टक्कर दे रही है कलेक्टर की कोचिंग

डिंडोरी। मप्र का नक्सल प्रभावित जिला डिंडौरी। यहां नक्सल समस्या धीरे-धीरे पैर पसार रही है लेकिन इस समस्या से ऊपर उठकर जिले के आदिवासी बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में जाने का सपना संजोए हुए रात-दिन एक कर पढ़ाई में जुटे हुए हैं। साल भर पहले यहां की कलेक्टर छवि भारद्वाज ने इन बच्चों के लिए एक विशेष कोचिंग शुरू की है, जो पटना की सुपर-30 की तर्ज पर काम कर रही है।

पहले ही साल में कोचिंग को अच्छी खासी सफलता भी हाथ लगी है। कोचिंग के 10 बच्चों ने इस साल आईआईटी मेंस एग्जाम दी और इसमें से छह बच्चों ने आईआईटी एडवांस के लिए क्वालिफाई कर लिया। भारत सरकार के इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान के तहत बनी यह कोचिंग बच्चाें के नि:शुल्क रहने और भोजन की व्यवस्था भी उपलब्ध करा रही है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चलती है क्लास
डिंडौरी कलेक्टर छवि भारद्वाज बताती हैं, 'कोचिंग में 100 बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। मेडिकल और आईआईटी जैसी राष्ट्रस्तरीय परीक्षा की तैयारी कराने के लिए डिंडौरी में अच्छी फैकल्टी मौजूद नहीं है, इसलिए हमने कोटा की एक कोचिंग से टाईअप किया है। उस कोचिंग की फैकल्टी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रोज बच्चों की क्लास लेती है। रोजाना करीब छह घंटे की क्लास वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही होती है। यह कोचिंग हिंदी मीडियम में होती है।'

कोचिंग और हॉस्टल की सुविधा नि:शुल्क
छवि भारद्वाज ने बताया, 'कोचिंग में करीब 85 प्रतिशत स्टूडेंट्स आदिवासी और दलित हैं। आईआईटी और मेडिकल की कोचिंग के साथ-साथ उन्हें हॉस्टल की सुविधा भी नि:शुल्क दी जाती है। सितंबर 2014 में हमने यह कोचिंग शुरू की थी इसलिए तब 12वीं क्लास के ज्यादा बच्चों ने कोचिंग ज्वाइन नहीं की थी। इस साल से 50 बच्चे ग्यारहवीं और 50 बच्चे बारहवीं क्लास से लिए जाएंगे।'

कोचिग में पढ़ने के लिए होता है एंट्रेंस
कोचिंग में पढ़ने के लिए जिले के बच्चों का एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है। पिछले साल तो 75 प्रतिशत हासिल करने वाले बच्चों को ही एंट्रेंस टेस्ट में बैठने दिया जाता था लेकिन इस साल से एंट्रेंस टेस्ट के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्टडी मटेरियल भी कोटा का एक कोचिंग इंस्टीट्यूट भेजता है।

दस में से छह ने IIT एडवांस के लिए क्वालीफाई किया
पहले ही साल में कोचिग को सफलता भी हाथ लगी है। छवि भारद्वाज ने बताया कि इस साल कोचिंग के दस स्टूडेंट्स ने आईआईटी मेंस परीक्षा दी थी, जिसमें से छह लोगों ने आईआईटी एडवांस के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अब उन्हें आईआईटी एडवांस के लिए तैयार किया जा रहा है। डाउट क्लियर करने के लिए जबलपुर से भी फैकल्टी आती है।

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