इंदौर। यूं तो डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है परंतु यह कहानी है एक ऐसे मरीज की जो 2 डॉक्टरों के लिए भगवान बन गया। जो डॉक्टर कमीशन के लालच में मरीजों को मंहगा इलाज परोसते हैं, उन्हीं डॉक्टरों को एक मरीज ने अपनी दोनों किडनियां दान कर दीं, बिल्कुल मु्फ्त। हम यह कहानी सिर्फ इसलिए छाप रहे कि शायद किसी डॉक्टर को इसे पढ़कर समझ आए कि वो सचमुच भगवान नहीं होता, उसे भी आम लोगों की मदद की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए वो मरीजों को केवल ग्राहक मानकर उनकी जेब ना काटे, इलाज करे, सिर्फ इलाज, जो जरूरी हो।
उज्जैन की शास्त्री कॉलोनी में रहने वाले मंजीतसिंग (38) को गुरुवार को डॉक्टरों ने ब्रेन डेढ़ घोषित किया था। उनकी पत्नी राखी ने दुःख के इन पलों में केडेबर ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया। यह निर्णय किडनी की बीमारी से जूझ रहे दो डॉक्टर परिवारों के लिए राहत साबित हुई। मंजीतसिंग और राखी उनके लिए फरिश्ता साबित हुए। चोइथराम अस्पताल में गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह दोनों मरीजों में मंजीतसिंग की किडनियां प्रत्यारोपित कर दी गई। गुरुवार देर रात ही मंजीतसिंग का शव परिजन को सौंप दिया गया था जिसे लेकर वे उज्जैन रवाना हो गए।
खाना खाकर बैठा था, अचानक फोन आया
मंजीतसिंग की एक किडनी नैना चोपड़ा (54) को लगाई गई है। उनके पति डॉ.पीआर चोपड़ा ने बताया कि वे डेढ़ साल से किडनी की परेशानी से जूझ रही थीं। हफ्ते में तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता था। गुरुवार को नैना जी और वे खाना खाकर बैठे ही थे कि अस्पताल से डॉक्टरों का फोन आया कि अगर वे किडनी ट्रांसप्लांट करना चाहते हैं, तुरंत पहुंचे।
डॉ.चोपड़ा पत्नी को लेकर चोइथराम अस्पताल पहुंचे। टिशू मैच और अन्य प्रोसेस के मंजीतसिंग की किडनी नैना को लगाने का निर्णय लिया गया। शुक्रवार सुबह लगभग पौने 10 बजे यह ट्रांसप्लांट पूरा हो गया।
एक साल से बीमारी से जूझ रहे हैं
मंजीतसिंग की दूसरी किडनी एसएफ के डॉक्टर वसंत वर्मा को लगाई गई है। उनकी बेटी निधि ने बताया कि डॉ.वर्मा को एक साल से किडनी की बीमारी है। गुरुवार को अस्पताल से फोन आया कि वे ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं तो तुरंत अस्पताल पहुंचे। टीशू मैच होने के बाद गुरुवार देर रात ट्रांसप्लांट का निर्णय ले लिया गया।
ऑपरेशन थिएटर से बाहर आते ही बिलख पड़ी पत्नी
गुरुवार देर रात जैसे ही मंजीतसिंग का शव ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाया गया, परिजन बिलख पड़े। वेंटिलेटर से बाहर लाते ही मंजीतसिंग दुनिया से रुखसत हो गए। पत्नी राखी पति के शव को देर तक निहारती रही। परिजन रात लगभग डेढ़ बजे शव लेकर उज्जैन के लिए रवाना हो गए। ऑपरेशन थिएटर में मंजीतसिंग के शरीर से किडनियां और आंखें प्रत्यारोपण के लिए निकाली ली गई थीं।