बालाघाट। विद्युत मंडल के सब स्टेशन में ठेकेदारों द्वारा अपने आपरेटरों को कम वेतन ुगतान कर शोषण करने का मामला प्रकाश में आने पर कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल के निर्देश पर श्रम पदाधिकारी द्वारा सात ठेकेदारों के विरूद्ध न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए उन्हें आपरेटरों को निर्धारित दर से मानदेय का भुगतान करने के निर्देश दिये गये है।
विद्युत सब स्टेशन के आपरेटरों द्वारा कलेक्टर को शिकायत की गई थी कि ठेकेदारों द्वारा उन्हें कम मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर द्वारा श्रम पदाधिकारी को इस प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये गये थे। श्रम पदाधिकारी श्री डी.एस. चैहान ने इस प्रकरण की जांच करने पर पाया गया कि ठेकेदार ललित उराडे द्वारा 22, कृपाल सिंह बघेल द्वारा 14, नीतिन नेमा द्वारा 12, प्रमोद चैरसिया द्वारा 9, एस.के. डोहरे द्वारा 2 तथा जितेन्द्र राणा द्वारा एक अपारेटर को 2500 से 3500 रु. मासिक की दर से मानदेय का भुगतान किया जा रहा था। जबकि आपरेटर को निर्धारित दर के अनुसार 8400 रु. मासिक की दर से भुगतान किया जाना चाहिए था।
विद्युत सब स्टेशन के ठेकेदारों द्वारा अपने आपरेटरों को निर्धारित दर से बहुत ही कम मानदेय देकर उनका जबरदस्त शोषण किये जाने पर इन ठेकेदारों के विरूद्ध न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। श्रम पदाधिकारी श्री चैहान ने विद्युत मंडल के संागीय यंत्री के माध्यम से इन ठेकेदारों को नोटिस जारी कर आपरेटरों को निर्धारित दर के अनुसार बकाया मानदेय भुगतान कराने कहा है।
विद्युत सब स्टेशन के ठेकेदार ललित उराड़े को 22 आपरेटरों को 8 लाख 27 हजार 246 रु., कृपाल सिंह बघेल को 14 अपरेटरों को 5 लाख 5 हजार 480 रु., नीतिन नेमा को 12 आपरेटरों को 4 लाख 76 हजार 640 रु.द्व प्रमोद चैरसिया कासे 9 आपरेटरों को 3 लाख 40 हजार 938 रु., एस.के. डोहरे को 2 आपरेटरों को69 हजार 640 रु. तथा जितेन्द्र राणा को एक आपरेटर को एक लाख 50 हजार रु. का बकाया मानदेय भुगतान करने कहा गया है। इन ठेकेदारों से कहा गया है कि वे अपने आपरेटरों को बकाया मानदेय का भुगतान करने के साथ ही आगे से निर्धारित दर के अनुसार ही मानदेय का भुगतान करें। अपने आपरेटरों का शोषण न करें।