भोपाल। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय अगले दो साल तक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने सत्र 2013-14 के लिए प्राइवेट यूनिवर्सिटी में संचालित कोर्सेस के लिए जो फीस तय की थी, वही फीस सत्र 2014-15 व 2015-16 में भी लागू रहेगी।
आयोग का यह फैसला छात्रों को राहत देने वाला माना जा रहा है। आयोग 8 प्राइवेट यूनिवर्सिटी की फीस तय कर चुका है। बाकी चार की फीस निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। आगामी 15 दिनों में इनकी भी फीस भी घोषित हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बनाया आधार
आयोग ने यह कदम कर्नाटक राज्य सरकार बनाम इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर लिया है। आयोग के चेयरमैन प्रो. अखिलेश पांडे ने बताया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत किसी भी शिक्षण संस्थान की फीस तीन साल में एक बार ही तय की जा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने अगले दो साल तक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के तय फीस स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। इस बीच केवल उन्हीं पाठ्यक्रमों की फीस तय की जाएगी, जो यूनिवर्सिटी द्वारा नए सत्र में शुरू किए जाएंगे।
यह है फीस स्ट्रक्चर
कोर्स न्यूनतम अधिकतम
बीई/बीटेक 50,000 1,30,000
एमबीए 60,000 1,05,000
एमफार्मा 60,000 1,50,000
बीफार्मा 40,000 75,000
एमसीए 24,000 60,000
एमबीबीएस - 4,50,000
इनकी फीस घोषित
:पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल।
:जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी भोपाल।
:जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी गुना।
:आइसेक्ट यूनिवर्सिटी रायसेन।
:ओरियंटल यूनिवर्सिटी इंदौर।
:आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर।
:एकेएस यूनिवर्सिटी सतना।
:स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर।